बीजेपी की नफरत की राजनीति: धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव
बीजेपी की सफलता का एक नया चेहरा
बीजेपी की यह सफलता है कि उसने पुलिस प्रशासन में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव को बढ़ावा दिया है। कर्नल सोफिया कुरैशी, जो सेना की प्रवक्ता थीं, के खिलाफ एक मंत्री ने अनावश्यक टिप्पणी की। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ग्वालियर में तनाव का माहौल
ग्वालियर की सीएसपी हिना खान के जय श्री राम के नारे लगाने से लोगों में खुशी की लहर है। उनकी तत्परता ने न केवल स्थिति को संभाला, बल्कि वकील अनिल मिश्रा को भी पीछे धकेल दिया।
प्रशासनिक समझदारी का सवाल
यहां एक महत्वपूर्ण सवाल उठता है: क्या मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने जानबूझकर तनाव बढ़ाने वाले व्यक्ति के घर के बाहर एक मुस्लिम पुलिस अधिकारी को तैनात किया था?
बीजेपी की नफरत की राजनीति
बीजेपी की सबसे बड़ी सफलता यह है कि उसने प्रशासन में नफरत के बीज बो दिए हैं। पहले हिंदू-मुसलमान का विभाजन किया गया, और अब दलित-सवर्ण का।
मध्य प्रदेश में स्थिति
मध्य प्रदेश में 22 साल से बीजेपी की सरकार है, लेकिन हाल के वर्षों में जातिगत नफरत में वृद्धि हुई है।
कर्नल सोफिया कुरैशी का मामला
कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ एक मंत्री ने अनाप-शनाप बातें कीं, और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। लेकिन मंत्री अभी भी अपनी जगह पर हैं।
नफरत का जहर
बीजेपी की नफरत की राजनीति ने देश को नुकसान पहुंचाया है। यह जहर अब दलितों और पिछड़ों के खिलाफ भी फैल रहा है।
बिहार में बीजेपी की रणनीति
बिहार में बीजेपी की हिंदू-मुसलमान रणनीति सफल होगी या नहीं, यह देखना होगा।
भारत का बौद्धिक विकास
भारत का बौद्धिक विकास रुक गया है, और सब कुछ स्टिरियोटाइप में बदल गया है।
राम का सम्मान
राम पर कभी किसी मुसलमान ने गलत नहीं कहा। बीजेपी ने राम को भी नफरत फैलाने के लिए इस्तेमाल किया है।
ग्वालियर में नफरत का माहौल
ग्वालियर में वकील अनिल मिश्रा ने लोगों को भड़काने के लिए जय श्री राम का नारा लगाया।
प्रशासनिक व्यवस्था का सम्मान
भारत की प्रशासनिक व्यवस्था का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान है, लेकिन नफरत और भेदभाव ने इसे कमजोर किया है।
भविष्य की दिशा
देश के लिए सोचने वाले लोग अपने काम करते रहेंगे और उम्मीद करेंगे कि बीजेपी को नफरत और भेदभाव से होने वाले नुकसान का एहसास हो।