बीजेपी ने इमरजेंसी की बरसी पर मनाया 'संविधान हत्या दिवस', नई पीढ़ी को दी जाएगी जानकारी
इमरजेंसी की बरसी पर बीजेपी का विशेष आयोजन
भारतीय जनता पार्टी आज 25 जून को इमरजेंसी की बरसी को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मना रही है। यह दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल लागू करने के 50 साल पूरे होने का प्रतीक है। बीजेपी हर साल इस दिन को मनाती है, लेकिन इस बार इसे एक विशेष नाम दिया गया है—'संविधान हत्या दिवस'। दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इस अवसर पर पोस्टर लगाए गए हैं और व्यापक प्रचार किया जा रहा है।
दिल्ली में कई स्थानों पर ऐसे पोस्टर देखे जा रहे हैं जिनमें लिखा है, '1975 में आज ही के दिन संविधान की हत्या की गई थी।' पार्टी ने पहले ही जिला, मंडल और बूथ स्तर पर आयोजन की दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। आज बीजेपी की इकाइयां इस दिन को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के संकल्प दिवस के रूप में मना रही हैं।
नई पीढ़ी को इमरजेंसी की सच्चाई से अवगत कराना
नई पीढ़ी को बताई जाएगी इमरजेंसी की सच्चाई
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को इमरजेंसी के उस काले अध्याय से अवगत कराना है, जिसमें नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था, मीडिया पर सेंसरशिप लागू की गई थी और लाखों लोगों को बिना मुकदमे के जेल में डाल दिया गया था। पार्टी का मानना है कि 'देश की आजादी के बाद यह वह समय था जब लोकतंत्र को कुचला गया। उस समय की सच्चाई को नई पीढ़ी तक पहुंचाना आवश्यक है।'
आज देशभर में प्रदर्शनी, व्याख्यान और चर्चा आयोजित की जा रही हैं। इन आयोजनों में इमरजेंसी के दौरान जेल गए लोगों की कहानियां, उनके अनुभव और तस्वीरें साझा की जा रही हैं।
अमित शाह का कांग्रेस पर हमला
अमित शाह बोले—तानाशाही की उपज था आपातकाल
गृहमंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कांग्रेस पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा, 'आपातकाल कोई मजबूरी या परिस्थिति नहीं थी, बल्कि यह तानाशाही मानसिकता और सत्ता की भूख का परिणाम था। 25 जून 1975 का दिन इस बात की याद दिलाता है कि कांग्रेस सत्ता के लिए संविधान को कैसे रौंद सकती है।'
शाह ने कहा कि 24 जून, 1975 की रात स्वतंत्र भारत की सबसे लंबी और सबसे छोटी रात थी। लंबी इसलिए क्योंकि उसकी सुबह पूरे 21 महीने बाद आई, और छोटी इसलिए क्योंकि संविधान जिसे बनाने में दो साल 11 महीने लगे, उसे एक झटके में समाप्त कर दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि लोग इस अध्याय को भूल गए, तो यह देश के लिए बेहद खतरनाक साबित होगा।