बेंगलुरु की सड़कों पर सियासत गरमाई, भाजपा ने उठाए सवाल
सड़कों की स्थिति पर राजनीतिक विवाद
राजधानी बेंगलुरु की सड़कों को लेकर एक बार फिर राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। भाजपा ने आरोप लगाया है कि शहर की सड़कों पर लगभग ₹5,000 करोड़ खर्च किए गए हैं, फिर भी विधान सौध के आसपास करीब 1,500 गड्ढे मौजूद हैं। इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
इन आरोपों का जवाब देते हुए कर्नाटक के नगर विकास मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि भाजपा के आरोप निराधार और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक ₹5,000 करोड़ खर्च नहीं किए गए हैं। रेड्डी के अनुसार, वर्तमान में लगभग ₹700–800 करोड़ की लागत से कंक्रीट सड़कों का निर्माण कार्य चल रहा है, और अन्य सड़क परियोजनाओं की कुल लागत लगभग ₹1,000 करोड़ तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता को बिना किसी आधार के गुमराह करने का प्रयास कर रहा है।
रेड्डी ने यह भी दावा किया कि सरकार लगातार शहर की सड़कों को सुधारने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर गड्ढों को भरने और सड़कों को मजबूत करने का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, विपक्ष का तर्क है कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद नागरिकों को राहत नहीं मिल रही है और गड्ढों के कारण अक्सर दुर्घटनाएँ हो रही हैं।
यह मुद्दा न केवल राजनीतिक बहस का हिस्सा बना हुआ है, बल्कि आम जनता के लिए भी चिंता का विषय है। शहर की सड़कों पर गड्ढों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है और हर चुनाव के समय यह एक प्रमुख मुद्दा बन जाता है। भविष्य में देखना होगा कि सरकार अपने दावों पर कितनी खरी उतरती है और क्या बेंगलुरु की जनता को वास्तव में गड्ढामुक्त सड़कें मिल पाएंगी।