बेलडांगा में बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद का शिलान्यास कार्यक्रम
नई दिल्ली में शिलान्यास समारोह
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद का शिलान्यास समारोह आज आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से लोग शामिल हो रहे हैं। उत्तर बारासात के निवासी मोहम्मद सफीकुल इस्लाम ईंटें सिर पर उठाए हुए दिखाई दिए। उन्होंने बताया कि वह उन ईंटों को उस स्थान पर ले जा रहे हैं, जहां निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर मस्जिद की आधारशिला रखने वाले हैं।
सफीकुल इस्लाम ने कहा कि उन्हें इस मस्जिद के निर्माण की प्रक्रिया देखकर खुशी हो रही है और वह इसे अपनी आस्था का योगदान मानते हैं। कार्यक्रम स्थल राष्ट्रीय राजमार्ग 12 के किनारे तैयार किया गया है, जहां बड़े राजनीतिक आयोजनों जैसी व्यापक तैयारियां की गई हैं। आयोजकों ने बताया कि समारोह सुबह 10 बजे कुरान की आयतों के पाठ के साथ शुरू होगा और दोपहर में आधारशिला रखी जाएगी।
बजट का विवरण
इस आयोजन के लिए 60 से 70 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। मेहमानों के लिए 40,000 और स्थानीय लोगों के लिए 20,000 बिरयानी पैकेट तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा, 150 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा मंच बनाया गया है, जिसकी लागत लगभग 10 लाख रुपये है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सऊदी अरब से मौलवियों को भी आमंत्रित किया गया है।
भाजपा नेता की चेतावनी
कार्यक्रम की घोषणा के बाद राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने हुमायूं कबीर को चेतावनी दी है कि यदि वह बाबरी मस्जिद की तर्ज पर आधारशिला रखते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं। राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।
कलकत्ता हाई कोर्ट का निर्णय
इस आयोजन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम से सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है और हुमायूं कबीर की विवादित टिप्पणियां माहौल को और खराब कर सकती हैं। कोर्ट ने इसे प्रशासन का विषय बताते हुए रोक लगाने से मना कर दिया है।
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर
हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर विवादों से भरा रहा है। वह कभी ममता बनर्जी की कैबिनेट में मंत्री रहे हैं और कई बार विवादित बयान दिए हैं। 2024 में उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उनकी तीखी आलोचना हुई थी। वह कई बार पार्टियां बदल चुके हैं और वर्तमान में टीएमसी से निलंबित हैं। बाबरी मस्जिद शैली की मस्जिद की आधारशिला रखने की घोषणा ने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला खड़ा किया है।