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भाजपा का क्रॉस वोटिंग पर दावा, कांग्रेस सांसद ने दी प्रतिक्रिया

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद भाजपा ने क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाया है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह गर्व का विषय नहीं है, बल्कि विचार का विषय है। उन्होंने चुनाव में सांसदों की भूमिका और पड़ोसी देशों की स्थिति पर भी चर्चा की। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का दावा

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद भाजपा ने क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि इस चुनाव में विपक्ष के 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। इस पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने स्पष्टीकरण दिया है कि यह गर्व या अहंकार का विषय नहीं है, बल्कि चिंतन और विचार का विषय है।


सुखदेव भगत ने कहा कि 'क्रॉस वोटिंग' जैसे शब्द का उपयोग गलत है। यह गर्व का विषय नहीं है, बल्कि हमें इस पर विचार करना चाहिए। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस पद की गरिमा बनी रहे और यह कार्यालय पक्षपात से मुक्त होकर राष्ट्र के सामने एक उदाहरण पेश करे। उन्होंने एनडीए उम्मीदवार को जीत की बधाई दी और कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का संबंध झारखंड से है।


उन्होंने आगे कहा कि आशाएं बहुत होती हैं। भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन वे केवल 240 सीटें ही जीत पाए। 15 सांसदों द्वारा क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है, लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है। हमारे पास लगभग 300 सांसद हैं और पिछले चुनाव में हमें 22 प्रतिशत वोट मिले थे, जो इस बार बढ़कर 40 प्रतिशत हो गए हैं। राहुल गांधी ने संविधान की रक्षा के लिए एक अभियान शुरू किया है, और हमारा संघर्ष जारी रहेगा।


नेपाल में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन पर सुखदेव भगत ने कहा कि किसी भी समाज में हिंसा का कोई औचित्य नहीं है। भारत, जो गांधी की भूमि है, शांति का पक्षधर है। आज भी हिंसा अस्वीकार्य है। चाहे वह बांग्लादेश, श्रीलंका हो या नेपाल, भारत की जिम्मेदारी है कि वह स्थिरता लाने में मदद करे। नेपाल में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शांति बहाल करना इस कर्तव्य का हिस्सा है।


उन्होंने कहा कि अगर हम भारत के पड़ोसी देशों पर नजर डालें, तो बांग्लादेश में अशांति, नेपाल में उथल-पुथल, पाकिस्तान में लंबे समय से अस्थिरता और श्रीलंका में भी समस्याएं देखने को मिली हैं। यह स्वाभाविक है कि इससे चिंता होती है। यही कारण है कि मैंने कहा कि यह एक संकेत है और हमें इसे समझना होगा।