भाजपा की उप राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति और विपक्ष की कमी
भाजपा की तैयारी और विपक्ष की लापरवाही
भारतीय जनता पार्टी ने उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी रणनीति को बहुत ही सावधानी से तैयार किया। इसके विपरीत, विपक्ष की तैयारी में कमी नजर आई। विपक्ष के प्रमुख नेता राहुल गांधी चुनाव की तैयारियों के दौरान विदेश चले गए थे और सीधे मतदान के दिन पहुंचे। इस बीच, आम आदमी पार्टी के नेता ने उप राष्ट्रपति चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया। पार्टी की मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि यह एक बड़ी कमी थी कि कांग्रेस के सबसे बड़े नेता चुनाव के समय विदेश में थे।
भाजपा ने मतदान की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए दो दिन की कार्यशाला आयोजित की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। मतदान के दिन भाजपा ने अपनी तैयारी को और भी मजबूत किया।
भाजपा की रणनीति पोलिंग एजेंट्स के चयन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। भाजपा ने अपनी तीन सहयोगी पार्टियों के नेताओं को पोलिंग एजेंट बनाया, जिन्हें सभी पार्टियों के लोग अच्छी तरह से जानते हैं और जिनके सभी पार्टियों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी के नेता राममोहन नायडू को पोलिंग एजेंट बनाया गया। विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी एकीकृत आंध्र प्रदेश में जन्मे हैं, इसलिए टीडीपी के नेता को चुना गया।
बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के चलते जनता दल यू के राज्यसभा सांसद संजय झा को पोलिंग एजेंट बनाया गया। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं, जबकि शिव सेना के श्रीकांत शिंदे को भी पोलिंग एजेंट बनाया गया। खबरें हैं कि शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की है। श्रीकांत शिंदे के सभी पार्टियों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं।