भाजपा को बोडोलैंड चुनाव में मिली हार के बाद राजन गोहेन ने छोड़ी पार्टी
भाजपा को दूसरा झटका
बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी यूपीपीएल की हार के बाद, सत्तारूढ़ भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और चार बार के सांसद, राजन गोहेन, जो नरेंद्र मोदी की सरकार में रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं, ने भाजपा छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा की सरकार में असमिया अस्मिता का अपमान हो रहा है और असमिया संस्कृति को कमजोर किया जा रहा है। यह आरोप महत्वपूर्ण है क्योंकि असम में लोग भाषा और सांस्कृतिक पहचान को लेकर अत्यंत संवेदनशील हैं। असम के कारण ही केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लंबे समय तक रोके रखा था, क्योंकि वहां यह माना जाता था कि सीएए लागू होने से बांग्ला भाषा और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, जबकि असमिया संस्कृति को नुकसान होगा।
अहोम संस्कृति का गौरव
राजन गोहेन ने अहोम संस्कृति के गौरव को भी उठाया है। हाल ही में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने भी सरकार के एक निर्णय को लेकर अहोम संस्कृति के सम्मान का मुद्दा उठाया था। असम के लोग अहोम साम्राज्य के गौरव को लेकर गर्व महसूस करते हैं। भाजपा की सरकार ने महान अहोम सेनापति लचित बोरफुकन को भी सम्मानित किया है। हालांकि, राज्य की पाठ्यपुस्तकों में एक रणनीतिक संधि के बारे में लिखा गया है जिसमें कहा गया है कि अहोम सेना हारकर पीछे हट गई थी। इस पर गौरव गोगोई ने सवाल उठाया था, जो खुद भी अहोम वंश का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा छोड़ने के बाद, राजन गोहेन ने कांग्रेस या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने की बात नहीं की है, लेकिन यदि वे किसी पार्टी में नहीं भी जाते हैं, तो भाजपा को उनका छोड़ना नुकसान पहुंचा सकता है। इससे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का मनोबल भी बढ़ेगा। ध्यान रहे कि असम में छह महीने बाद चुनाव होने वाले हैं।