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भाजपा ने आपातकाल को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाया

आज, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने जा रही है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल भोपाल में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जिसमें वे आपातकाल के दौरान हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व पर चर्चा करेंगे। भाजपा का यह आयोजन न केवल अतीत को याद करने के लिए है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को लोकतंत्र की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का भी प्रयास है।
 

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा का आयोजन

आज भारत उस काले अध्याय को याद कर रहा है, जब 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाने जा रही है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सी.आर. पाटिल भोपाल में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। भाजपा आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र और संविधान पर एक गंभीर हमला मानती है। यह आयोजन न केवल उस समय को याद करने के लिए है, बल्कि वर्तमान में लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के महत्व को भी उजागर करेगा।


भाजपा का उद्देश्य आपातकाल के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन, लोकतांत्रिक संस्थाओं के दमन और प्रेस की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों को सामने लाना है। भोपाल में होने वाले इस कार्यक्रम में सी.आर. पाटिल मुख्य वक्ता होंगे, जो आपातकाल के अनुभव साझा करेंगे और कांग्रेस पर लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कुचलने का आरोप लगाते हुए भाजपा की लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करेंगे। इस आयोजन में पार्टी के कई नेता, कार्यकर्ता और आम नागरिक भी शामिल होंगे।


भाजपा ने स्पष्ट किया है कि 'संविधान हत्या दिवस' केवल एक प्रतीकात्मक स्मरणोत्सव नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को लोकतंत्र के महत्व और इसकी रक्षा के लिए आवश्यक सतर्कता के बारे में शिक्षित करने का प्रयास है। यह दिन हमें भविष्य के लिए सबक देता है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे काले दिन हमारे लोकतंत्र में कभी वापस न आएं।