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भाजपा ने इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर संविधान हत्या दिवस मनाया

हरियाणा में भाजपा ने इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर संविधान हत्या दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस पर तीखे हमले किए और 1975 के आपातकाल को याद किया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश ने असली आजादी का अनुभव किया है। कार्यक्रम में आपातकाल के शिकारों के परिवारों को सम्मानित किया गया। केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने भी आपातकाल के काले सच को उजागर किया।
 

इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा का आयोजन


चंडीगढ़: हरियाणा में इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भाजपा ने संविधान हत्या दिवस मनाया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस पर तीखे हमले किए गए। भाजपा ने इस आयोजन की जिम्मेदारी 27 प्रमुख नेताओं को सौंपी है। करनाल में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कांग्रेस पर कड़े शब्दों में प्रहार किया। उन्होंने कहा कि 1975 में आजाद भारत में एक बड़ा अत्याचार हुआ था।


यह संविधान की हत्या थी। आज 50 साल बाद भी हम उस भयावह समय को याद कर रहे हैं। उस समय की सरकार ने संविधान को कुचल दिया। उन्होंने अनिल विज और मनोहर लाल खट्टर के पिता को उठाया और उनसे एक व्यक्ति की जय बोलने को कहा। जब उन्होंने मना किया, तो उन्हें भयानक यातनाएं दी गईं।


2014 के बाद असली आजादी का अनुभव

नायब सैनी ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश ने असली आजादी और विकास का अनुभव किया है। अटल जी ने दिल्ली-अमृतसर फोर लेन का कार्य आरंभ किया, लेकिन कांग्रेस सरकार में यह धीमा हो गया। पहले करनाल से दिल्ली जाने में 6 घंटे लगते थे। 2047 में आजादी के 100वें वर्ष तक मोदी जी के सपनों का भारत बनेगा, जिसमें 140 करोड़ लोगों का योगदान होगा।


देश के नायकों का बलिदान

उन्होंने कहा कि जब देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ, तो हमारे नायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए बलिदान दिया। यह बलिदान इस सोच के साथ नहीं था कि उनके परिवार से कोई नेता बनेगा, बल्कि उन्होंने अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए यह किया।


तीन पीढ़ियों का बलिदान

सैनी ने कहा कि यही भारत है, जहां तीन पीढ़ियों ने देश के लिए बलिदान दिया। गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह और उनके बच्चों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। आज का यह कार्यक्रम केवल अतीत को याद करने के लिए नहीं है, बल्कि हमें भविष्य के लिए तैयार करने का अवसर भी है। हमें एक ऐसा भविष्य बनाना है, जहां लोकतंत्र हमेशा फलता-फूलता रहे।


आपातकाल के शिकारों का सम्मान


झज्जर के बहादुरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने आपातकाल के दौरान जेल की यातनाएं सहने वालों के परिवारों को सम्मानित किया।


आपातकाल का काला सच

गुरुग्राम में भाजपा के एक कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने कहा कि 25 जून, 1975 की आपातकाल अवधि का काला सच लोगों के सामने आना चाहिए। उस समय संविधान को कुचला गया, अभिव्यक्ति की आजादी छीनी गई, विरोधियों को जेलों में डालकर अमानवीय अत्याचार किए गए और जबरन नसबंदी जैसे क्रूर कृत्य हुए।


बंसीलाल परिवार की अनुपस्थिति

भाजपा के इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के परिवार से राज्यसभा सांसद किरण चौधरी और उनकी बेटी मंत्री श्रुति चौधरी को दूर रखा गया है। इमरजेंसी के दौरान नसबंदी अभियान ने किरण चौधरी के ससुर एवं पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल को लोगों की नजर में खलनायक बना दिया था।