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भाजपा ने कर्नाटक के दो विधायकों को पार्टी से निकाला, कांग्रेस में वापसी की अटकलें

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक के दो विधायकों, एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को पार्टी से बाहर कर दिया है। ये दोनों विधायक पहले कांग्रेस में थे और भाजपा में शामिल हुए थे। उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भाजपा की इस कार्रवाई की आलोचना की है, जिससे यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या ये विधायक फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

भाजपा की कार्रवाई पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक में अपने दो विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया है। ये विधायक पहले कांग्रेस में थे और भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने एसटी सोमशेखर और ए शिवराम हेब्बार को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। इस पर उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भाजपा की इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। सवाल यह उठता है कि भाजपा ने अपने विधायकों को निकाला, तो कांग्रेस अध्यक्ष इस पर क्यों प्रतिक्रिया दे रहे हैं? शिवकुमार के बयान के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि ये विधायक फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।


सोमशेखर यशवंतपुर और हेब्बार येल्लापुर विधानसभा के प्रतिनिधि हैं। ये दोनों उन 18 विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने भाजपा में शामिल होकर कांग्रेस के समर्थन वाली एचडी कुमारस्वामी की सरकार को गिराने में मदद की थी। पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान, सोमशेखर ने क्रॉस वोटिंग की थी और कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन किया था, जिससे यह संकेत मिला था कि वे फिर से पाला बदल सकते हैं। भाजपा के नेताओं का मानना है कि इन दोनों विधायकों ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है, इसलिए वे बार-बार पार्टी के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं और भाजपा के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। कई चेतावनियों के बाद भी उन्हें पार्टी से निकाला गया है। लेकिन क्या कांग्रेस उन विधायकों को फिर से स्वीकार करेगी, जिन्होंने पार्टी तोड़ने और सरकार गिराने में भूमिका निभाई थी? यदि यह शिवकुमार का अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने का प्रयास है, तो क्या सिद्धारमैया और पार्टी आलाकमान इसके लिए सहमत होंगे?