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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का विवादास्पद बयान: ठाकरे परिवार को चुनौती

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हिंदी-मराठी विवाद पर अपने विवादास्पद बयान को लेकर ठाकरे परिवार को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि गरीबों को पीटने का क्या मतलब है, जबकि मुकेश अंबानी और एसबीआई के चेयरमैन मराठी नहीं बोलते। दुबे ने महाराष्ट्र के योगदान पर भी जोर दिया और कहा कि टैक्स में सभी का योगदान है। जानें उनके बयान का पूरा विवरण और विवाद की पृष्ठभूमि।
 

भाषा विवाद पर निशिकांत दुबे का बयान

महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी के बीच चल रहे विवाद के संदर्भ में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने विवादास्पद बयान पर कायम रहने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। दुबे ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा कि गरीबों को पीटने का क्या मतलब है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में मुकेश अंबानी और एसबीआई के चेयरमैन मराठी नहीं बोलते, फिर भी उन्हें कुछ नहीं कहा जाता।


निशिकांत दुबे का बयान

गुरुवार को सिक्किम में एक कार्यक्रम के दौरान दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने मराठी भाषा के सम्मान की बात करते हुए कहा कि अन्य भाषाओं जैसे तमिल, तेलुगु, और कन्नड़ का भी सम्मान होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी भाषी राज्यों के लोगों की भाषा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।


गरीबों पर हमला और मुकेश अंबानी का उदाहरण

भाषा विवाद के बीच दुबे ने कहा, 'आप गरीबों को पीटते हैं, लेकिन मुकेश अंबानी वहीं रहते हैं और वह मराठी बहुत कम बोलते हैं। अगर आपमें हिम्मत है, तो उनके पास जाइए। माहिम में मुस्लिम आबादी अधिक है, वहां जाने की हिम्मत दिखाइए। एसबीआई के चेयरमैन भी मराठी नहीं बोलते, उन्हें पीटने की कोशिश कीजिए।'


महाराष्ट्र का योगदान

दुबे ने अपने पहले के बयान पर कहा, 'महाराष्ट्र का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। जो मैंने कहा, उसे गलत समझा गया। मुंबई या महाराष्ट्र द्वारा दिए गए टैक्स में हमारा भी योगदान है। ठाकरे परिवार या मराठा से इसका कोई संबंध नहीं है। एसबीआई और एलआईसी, जो टैक्स देते हैं, उनका मुख्यालय मुंबई में है।'


ट्विटर पर बयान