भारत-अमेरिका संबंधों में सुधार की आवश्यकता पर सांसदों का पत्र
भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंध
US-India Relations: अमेरिका की ट्रम्प प्रशासन द्वारा अतिरिक्त टैरिफ लगाने और H-1B वीजा में वृद्धि के निर्णयों के कारण भारत और अमेरिका के संबंध वर्तमान में कठिन दौर से गुजर रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए भारतीय-अमेरिकी सांसदों के एक समूह ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक पत्र लिखा है, जिसमें संबंधों को बहाल करने की अपील की गई है।
सांसदों की चिंताएँ
सांसदों का कहना है कि अमेरिका की हालिया नीतियों ने भारत और चीन के बीच निकटता बढ़ा दी है। कांग्रेस सदस्य रो खन्ना के नेतृत्व में 19 कांग्रेस सदस्यों ने ट्रम्प से आग्रह किया है कि वे इस महत्वपूर्ण साझेदारी को फिर से स्थापित करने के लिए तात्कालिक कदम उठाएं।
ट्रम्प के निर्णयों का प्रभाव
ट्रम्प सरकार के फैसलों ने भारतीय निर्माताओं को नुकसान पहुंचाया है
सांसदों ने बताया कि अगस्त 2025 के अंत में, ट्रम्प के नेतृत्व में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ को 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया था, जिसमें रूस से ऊर्जा खरीद के जवाब में 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था। पत्र में कहा गया है कि इन निर्णयों ने भारतीय निर्माताओं को नुकसान पहुँचाया है, साथ ही अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें भी बढ़ाई हैं।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों के महत्व को पत्र में किया गया इंगित
कांग्रेस के सदस्यों ने अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा कि यह व्यापारिक साझेदारी "दोनों देशों में लाखों नौकरियों का समर्थन करती है।" उन्होंने कहा कि अमेरिकी निर्माता सेमीकंडक्टर, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भारत पर निर्भर हैं, जबकि अमेरिका में भारतीय निवेश ने नए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।