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भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: मोर्ने मोर्कल ने जताई चिंता

भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून 2025 से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए मोर्ने मोर्कल ने अपनी चिंताओं का इजहार किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय खिलाड़ी पिछले कुछ महीनों से रेड-बॉल क्रिकेट से दूर रहे हैं, जिससे उनकी तैयारी पर असर पड़ सकता है। मोर्कल ने खिलाड़ियों की ऊर्जा और टीम भावना की सराहना की, लेकिन इंग्लैंड में गेंदबाजी के लिए निरंतरता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जानें इस बारे में और क्या कहा उन्होंने।
 

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत

ENG vs IND: भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून 2025 से हेडिंग्ले, लीड्स में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 का आगाज करेगी। हालांकि, इस दौरे से पहले भारतीय गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने अपनी चिंताओं का इजहार किया है। उनका कहना है कि भारतीय खिलाड़ी पिछले कुछ महीनों से रेड-बॉल क्रिकेट से दूर रहे हैं।


रेड-बॉल क्रिकेट से दूरी पर चिंता

मोर्कल ने BCCI की वेबसाइट पर बातचीत में बताया कि भारतीय टीम ने अपना आखिरी टेस्ट जनवरी 2025 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान खेला था। इसके बाद खिलाड़ी चैंपियंस ट्रॉफी और IPL जैसे व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट्स में व्यस्त रहे। इस लंबे ब्रेक ने मोर्कल को चिंतित कर दिया है।


ट्रेनिंग कैंप से मिली प्रेरणा

मोर्कल ने कहा, "हमारे पास एक शानदार ग्रुप है। खिलाड़ियों में अद्भुत ऊर्जा है, जो टेस्ट सीरीज के लिए आवश्यक है। आत्मविश्वास और टीम भावना के साथ उतरना होगा।" उन्होंने ट्रेनिंग में खिलाड़ियों की मेहनत और एकजुटता को देखकर राहत महसूस की है।


गेंदबाजी में निरंतरता की आवश्यकता

मोर्कल का मानना है कि इंग्लैंड में गेंदबाजी के लिए निरंतरता बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, और कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज शामिल हैं, जो विभिन्न स्किल्स के साथ खेलते हैं। उन्होंने कहा, "हमारे पास गेंदबाजी में अच्छी विविधता है। हर गेंदबाज के पास अलग स्किल्स हैं, और वे बेसिक्स को अच्छी तरह लागू कर सकते हैं। लेकिन इंग्लैंड में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा।"


अभ्यास मैच में गेंदबाजों का प्रदर्शन

उन्होंने कहा, "पिच पर थोड़ी उछाल और मूवमेंट है, जिसने बल्लेबाजों को परेशान किया। यह उनके लिए अच्छी तैयारी है। गेंदबाजों और बल्लेबाजों के बीच मजेदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। जब पिच में उछाल और मूवमेंट होता है, तो गेंदबाज बोलते हैं, लेकिन जब पिच सपाट हो जाती है, तब गेंदबाज पीछे हट जाते हैं। मैं गेंदबाजों से कहूंगा कि सपाट पिच पर भी हौसला और जज्बा दिखाएं। यही असली चुनौती होगी।"