भारत और दूसरे देश के बीच रक्षा सहयोग की नई दिशा
रक्षा क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने हाल ही में हुई एक बैठक में बताया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने रक्षा क्षेत्र की बढ़ती भूमिका और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास और आधुनिक तकनीकी सहयोग देखने को मिला है।
उन्होंने बताया कि रक्षा क्षेत्र का महत्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस बैठक ने दोनों प्रधानमंत्रियों को सहयोग की प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने का अवसर प्रदान किया। पिछले वर्षों में, दोनों देशों के बीच हथियारों, प्रशिक्षण, तकनीकी साझेदारी और रक्षा निर्माण में सहयोग में काफी वृद्धि हुई है।
विदेश सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सहयोग केवल सैन्य साझेदारी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, तकनीकी विकास और औद्योगिक सहयोग भी शामिल हैं। इससे न केवल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूती मिल रही है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा को भी बढ़ावा मिल रहा है। मिसरी ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं ने भविष्य में सामरिक और तकनीकी सहयोग को और बढ़ाने पर जोर दिया है। यह कदम दोनों देशों के सुरक्षा हितों, रणनीतिक साझेदारी और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।