भारत का IMEC कॉरिडोर: एक नई आर्थिक पहल
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर क्या है?
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC): चीन अपने वैश्विक प्रभाव को बढ़ाने के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) पर काम कर रहा है, जिसमें कई देश शामिल हैं। ऐसे कॉरिडोर न केवल आर्थिक शक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि किसी देश को सुपरपावर बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं। इसी दिशा में भारत ने IMEC कॉरिडोर पर काम शुरू किया है। आइए जानते हैं IMEC कॉरिडोर के बारे में।
IMEC कॉरिडोर की विशेषताएँ
IMEC एक अंतरमहाद्वीपीय संपर्क मार्ग है, जो भारत, यूरोप और अरब प्रायद्वीप के बीच व्यापार, निवेश और संपर्क को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। यह कॉरिडोर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, यूरोपीय संघ, फ्रांस, इटली और जर्मनी को जोड़ता है, जिससे कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। इसके माध्यम से भारत वैश्विक स्तर पर एक सुपरपावर बन सकता है।
IMEC कॉरिडोर की घोषणा कब हुई?
IMEC कॉरिडोर की घोषणा सितंबर 2023 में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। इस परियोजना का उद्देश्य हाइवे, रेलवे, बंदरगाह, डिजिटल नेटवर्क और ऊर्जा पाइपलाइनों को जोड़कर एक ऐसा नेटवर्क तैयार करना है, जो एशिया और यूरोप को भौगोलिक, आर्थिक और रणनीतिक रूप से जोड़ सके। इस परियोजना पर 600 अरब डॉलर से अधिक खर्च होने की संभावना है।
इजरायली राजदूत का बयान
IMEC पर इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने कहा कि भारत ने UAE के साथ कई समझौतों पर हस्ताक्षर करके इस परियोजना के पूर्वी हिस्से को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र की स्थिरता के बाद पश्चिमी हिस्से को लागू करने की कोशिश की जाएगी। इस परियोजना पर बातचीत दिल्ली और अन्य स्थानों पर चल रही है।
IMEC की संभावनाएँ
राजदूत ने बताया कि कई हितधारक इस परियोजना में रुचि दिखा रहे हैं। एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कंपनी ने हाल ही में उनसे मुलाकात की और इस परियोजना का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की। IMEC की संभावनाएँ अभी भी जीवित हैं और पूरी दुनिया इस परियोजना के विकास को देखने के लिए उत्सुक है।