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भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने दी महत्वपूर्ण सलाह

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि भारत को किसी एक सप्लाई चेन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने चीन के साथ व्यापार में संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी, यह चेतावनी देते हुए कि अत्यधिक निर्भरता राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक हो सकती है। जयशंकर ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
 

आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि हाल के अनुभवों ने यह स्पष्ट किया है कि किसी एक सप्लाई चेन या देश पर अत्यधिक निर्भरता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह बात 'द इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025' में साझा की।


जयशंकर ने वैश्विक आर्थिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए कहा कि किसी भी सप्लाई, उत्पादन और मार्केटिंग के लिए केवल एक स्रोत पर निर्भर रहना एक आर्थिक महाशक्ति का सही प्रतीक नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी से संबंध तोड़ लें, बल्कि यह है कि आप अपने विकल्पों को बढ़ाएं और जोखिमों को कम करें। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमें घरेलू स्तर पर अधिक काम करना चाहिए।"


उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू उत्पादन करना कठिन और जटिल हो सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष प्रयासों की आवश्यकता है।


चीन पर निर्भरता के संदर्भ में, विदेश मंत्री ने भारतीय व्यवसायों को सलाह दी कि उन्हें चीन के साथ व्यापार में संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि चीन की सप्लाई चेन पर अत्यधिक निर्भरता भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक हो सकती है।


यह टिप्पणी चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध के संदर्भ में की गई थी, जो अप्रैल-मई 2020 में शुरू हुआ था। पिछले साल अक्टूबर में, दोनों पक्षों ने डेमचोक और डेपसांग में सैन्य वापसी पर एक समझौता किया था।