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भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता: वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव

भारत 2026 में ब्रिक्स की अध्यक्षता करेगा, जो वैश्विक शक्ति संतुलन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। इस लेख में जानें कि कैसे भारत इस जिम्मेदारी को निभाएगा और इसके वैश्विक प्रभाव को कैसे बढ़ाएगा। ब्रिक्स समूह के नए स्वरूप और वैश्विक आर्थिक संतुलन में बदलाव पर भी चर्चा की गई है।
 

भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता का महत्व

जब हाशिये पर स्थित देशों की आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं, तो वैश्विक शक्ति संतुलन में बदलाव आना स्वाभाविक है। वर्ष 2026 में, भारत 1 जनवरी से ब्रिक्स (ब्राजील, चीन, मिस्र, इथियोपिया, भारत, इंडोनेशिया, ईरान, रूस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात) की अध्यक्षता करेगा। यह जिम्मेदारी भारत को 31 दिसंबर 2026 तक निभानी होगी। हालांकि, इसे केवल एक कैलेंडर-आधारित जिम्मेदारी के रूप में देखना संकीर्ण दृष्टिकोण होगा। भारत की अध्यक्षता एक नियमित राजनयिक प्रक्रिया नहीं है; यह वैश्विक नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।


वैश्विक आर्थिक संतुलन में बदलाव

ब्रिक्स समूह अमेरिका जैसी शक्तियों के संरक्षणवाद और एकतरफा टैरिफ नीतियों के खिलाफ एकजुटता दिखा रहा है। हाल ही में रियो डी जेनेरियो में हुई समिट में देशों ने वैश्विक व्यापार में खुलापन बनाए रखने की इच्छा व्यक्त की। वित्तीय संसाधनों को बढ़ाने और विविधता लाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, स्थानीय मुद्रा में व्यापार और इंटीग्रेटेड पेमेंट सिस्टम जैसे उपायों पर चर्चा की जाएगी।


ब्रिक्स का मजाक उड़ाने का दौर समाप्त

पश्चिमी मीडिया ने कभी ब्रिक्स को एक ढीला समूह कहकर मजाक उड़ाया था, लेकिन अब यह समूह केवल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका तक सीमित नहीं है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और मिस्र जैसे देशों के शामिल होने से यह पेट्रो-डॉलर प्रणाली के विकल्प के रूप में उभरा है। ब्रिक्स अब वैश्विक जीडीपी में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है, जो जी-7 से कहीं अधिक है।


विदेश नीति को मिलेगी मजबूती

भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता के दौरान समूह को नया स्वरूप देने का प्रयास करेगा। वैश्विक दक्षिण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, आर्थिक सहयोग बढ़ाने और व्यापार में स्थानीयकरण के उपायों को अपनाने की दिशा में भारत सक्रिय रहेगा। इससे न केवल ब्रिक्स का वैश्विक प्रभाव बढ़ेगा, बल्कि भारत की विदेश नीति को भी मजबूती मिलेगी।