भारत के S-400 सिस्टम पर पाकिस्तान का झूठा दावा, PIB ने किया खंडन
PIB ने पाकिस्तान के दावे को बताया फर्जी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस दौरान पाकिस्तान ने यह आरोप लगाया कि उसने भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन शनिवार को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस दावे को पूरी तरह से गलत बताया। PIB के फैक्ट चेक विंग ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि S-400 सिस्टम ने पाकिस्तान द्वारा छोड़े गए सभी ड्रोन और मिसाइलों को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
PIB का आधिकारिक बयान
PIB ने अपने बयान में कहा कि भारत के S-400 सिस्टम को नुकसान पहुंचाने का दावा पूरी तरह से गलत है। उन्होंने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर जो तस्वीरें साझा की जा रही हैं, वे वास्तव में रूस की 2010 की विजय परेड की हैं और इनका भारत से कोई संबंध नहीं है। PIB ने यह भी जोड़ा कि यह पाकिस्तान का दुष्प्रचार है, जिसका उद्देश्य अपनी हार को छिपाना और भारत की सफलताओं को कमजोर दिखाना है।
पहलगाम हमले के बाद भारत का कड़ा जवाब
22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आम नागरिकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को कड़ा संदेश देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। भारतीय वायुसेना ने इस अभियान में पाकिस्तान के नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर एक साथ हमला किया, जिनमें लश्कर का मुरिदके मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर गढ़ शामिल थे।
S-400 की प्रभावशीलता और पाकिस्तान की असफलता
पाकिस्तान ने इस हमले का जवाब ड्रोन और मिसाइलों से देने का प्रयास किया, लेकिन भारत के पास मौजूद अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी हमलों को सफलतापूर्वक रोक दिया। इसके अलावा, भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के महत्वपूर्ण एयरबेस जैसे नूर खान और रहीम यार खान पर भी निशाना साधा। इस दौरान भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि उसके पास न केवल सुरक्षा की क्षमता है, बल्कि दुश्मन को करारा जवाब देने की ताकत भी है।
तनाव के बीच सीजफायर पर सहमति
लगातार हो रहे हमलों और जवाबी कार्रवाई के बीच स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी। हालांकि, अंततः पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर युद्धविराम पर सहमति जताई। इस समझौते के तहत जमीन, आसमान और समुद्र तीनों मोर्चों पर संघर्ष विराम लागू किया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हुई।