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भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारी: एनडीए और विपक्ष की रणनीतियाँ

भारत में 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर 2025 को होने जा रहा है, जो एनडीए और विपक्ष के बीच की ताकत का परीक्षण करेगा। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मजबूत स्थिति में माना जा रहा है, जबकि बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति ने चुनाव से दूरी बनाने की घोषणा की है। मतदान की प्रक्रिया और दोनों पक्षों की रणनीतियों पर एक नज़र डालते हैं। क्या क्रॉस वोटिंग होगी? जानें इस महत्वपूर्ण चुनाव के बारे में अधिक जानकारी।
 

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव

भारत में 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा, जो एनडीए और विपक्षी दलों की एकता और ताकत का परीक्षण करेगा। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी सुदर्शन रेड्डी के खिलाफ मजबूत स्थिति में माना जा रहा है।


चुनाव में संभावित बदलाव

हालांकि, बीजू जनता दल (बीजेडी) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) द्वारा चुनाव से दूरी बनाने की घोषणा के बाद जीत का अंतर कम होने की संभावना है। बीजेडी के पास 7 सांसद और बीआरएस के पास 4 सांसद हैं। एनडीए, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के समर्थन के साथ, 429 सांसदों का समर्थन प्राप्त कर रहा है, जबकि विपक्ष के पास रेड्डी के लिए 324 सांसदों का समर्थन है।


उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जो एक निर्वाचक मंडल का हिस्सा होते हैं। इस मंडल में कुल 786 मत हैं, लेकिन वर्तमान में इसकी प्रभावी संख्या 781 है, क्योंकि 11 सांसद मतदान से दूर रहने वाले हैं। किसी भी उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 386 मतों की आवश्यकता होगी। मतदान सुबह 10 बजे से नए संसद भवन के वसुधा हॉल में शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा। परिणाम उसी दिन घोषित किए जाएंगे।


राजनीतिक रणनीतियाँ

एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपने सांसदों की अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए तैयारी की हैं। दोनों पक्षों के राजनीतिक प्रबंधकों ने विशेष टीमें बनाई हैं जो मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करेंगी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो सांसद, जो स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थित रहे, को विशेष रूप से कोलकाता से दिल्ली लाया गया है ताकि कोई भी वोट बर्बाद न हो।


क्रॉस वोटिंग की संभावना

राजनीतिक विश्लेषकों ने क्रॉस वोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया है, जो इस तरह के चुनावों में आम बात है। लोकसभा के अधिकारियों के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मतदान करने की उम्मीद कर रहे हैं।


संविधान और विचारधारा की जंग

विपक्ष ने इस चुनाव को संविधान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बीच की लड़ाई करार दिया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रेड्डी पर लगातार हमले किए हैं। चुनाव की पूर्व संध्या पर, बीजेपी ने रेड्डी पर लालू प्रसाद यादव से समर्थन मांगने के लिए निशाना साधा।


लालू यादव से मुलाकात पर विवाद

रेड्डी की लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर पूर्व जजों और वकीलों के एक समूह ने आपत्ति जताई है। इन जजों ने कहा कि यह मुलाकात किसी वैध राजनीतिक उद्देश्य को पूरा नहीं करती।


सलवा जुदुम फैसले पर विवाद

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रेड्डी के 2011 के सलवा जुदुम फैसले पर सवाल उठाए थे, जिसमें आदिवासी समुदायों के युवाओं को हथियार देकर उन्हें 'विशेष पुलिस अधिकारी' बनाना 'गैरकानूनी' और 'असंवैधानिक' बताया गया था।