भारत ने अमेरिका में छवि सुधारने के लिए नई लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया
भारत की नई लॉबिंग रणनीति
भारत की लॉबिंग फर्म: भारत के वॉशिंगटन डीसी स्थित दूतावास ने अमेरिका में अपनी छवि को सुधारने और वहां की सरकार तथा मीडिया के साथ बेहतर संबंध स्थापित करने के लिए एक नई लॉबिंग फर्म को नियुक्त किया है। यह निर्णय तब लिया गया है जब अमेरिका भारतीय उत्पादों पर 50% का भारी शुल्क लगाने की योजना बना रहा है, जिससे भारत के निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
भारत ने मर्करी पब्लिक अफेयर्स नामक कंपनी के साथ 75,000 डॉलर प्रति माह के तीन महीने के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जो 15 अगस्त से प्रभावी है। यह कंपनी भारत की ओर से अमेरिकी सरकार में पैरवी, मीडिया से संवाद, सोशल मीडिया रणनीति और डिजिटल प्रचार का कार्य संभालेगी.
भारत का कार्य देखने वाली टीम
टीम के प्रमुख सदस्य:
इस फर्म में दो प्रमुख व्यक्ति भारत के कार्यों की देखरेख करेंगे, जिनमें डेविड विटर (पूर्व सीनेटर, लुइसियाना) और ब्रायन लांजा (ट्रंप की 2020 टीम के पूर्व संचार निदेशक) शामिल हैं। इनके साथ चार अन्य सदस्य भी काम करेंगे, जिनमें केविन थॉमस भी हैं, जो न्यूयॉर्क राज्य सीनेट के लिए चुने गए पहले भारतीय-अमेरिकी हैं.
मर्करी फर्म की ट्रंप की पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ सुसी वाइल्स के साथ भी अच्छी जान-पहचान है, जो नवंबर 2024 तक इसी कंपनी की लॉबिस्ट रह चुकी हैं। भारत ने यह नई फर्म तब नियुक्त की है जब कुछ लोग यह दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान ने अमेरिका में भारत से बेहतर लॉबिंग की है। पाकिस्तान ने ट्रंप के पूर्व बॉडीगार्ड कीथ शिलर की कंपनी को नियुक्त किया है.
भारत की लॉबिंग फर्मों का इतिहास
पहले की नियुक्तियाँ:
इससे पहले, अप्रैल 2025 में भारत ने SHW Partners LLC नामक कंपनी को भी नियुक्त किया था, जिसके प्रमुख जेसन मिलर हैं, जो ट्रंप के सलाहकार रह चुके हैं। उस कंपनी का एक साल का अनुबंध 1.8 मिलियन डॉलर का है। कई देश अमेरिका में एक से अधिक लॉबिंग फर्मों को रखते हैं, क्योंकि हर फर्म की अलग-अलग भूमिका होती है, जैसे कि कुछ सरकार से संपर्क करते हैं, कुछ मीडिया से, और कुछ सोशल मीडिया का प्रबंधन करते हैं. कुछ देश तो 5-6 फर्मों का भी उपयोग करते हैं.