भारत-पाकिस्तान तनाव: ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव और बातचीत की संभावना
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें आतंकवाद और सीमा विवाद जैसे मुद्दे प्रमुख रहे हैं। हाल ही में भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि इस्लामाबाद को भारत के साथ बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर कर दिया। इस सैन्य कार्रवाई ने भारत की रणनीतिक ताकत और दृढ़ इच्छाशक्ति को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित किया है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव इतना गहरा है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए बेताब हो रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि वे भारत से बातचीत के लिए तैयार हैं। डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया कि भारत की कार्रवाई ने उनके कई सैन्य ठिकानों, जैसे रावलपिंडी के नूरखान एयरबेस, को नष्ट कर दिया। इस नुकसान ने पाकिस्तान को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया.
बातचीत की संभावनाएं
इशाक डार ने हाल ही में इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब भी भारत बातचीत के लिए तैयार हो, वे हर स्तर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान पानी, सिंधु जल संधि और अन्य मुद्दों पर व्यापक बातचीत चाहता है, लेकिन भारत का ध्यान केवल आतंकवाद पर केंद्रित है। डार ने यह स्पष्ट किया कि पाकिस्तान बातचीत के लिए 'हताश' नहीं है, लेकिन उनकी यह पेशकश भारत की सैन्य कार्रवाई के बाद उनकी कमजोर स्थिति को दर्शाती है.
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा जवाब
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने ली। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के शिविरों को नष्ट किया गया, जिसमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए.