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भारत-पाकिस्तान तनाव: शहबाज शरीफ की अंतरराष्ट्रीय अपील और भारत के कड़े कदम

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति जुटाने की कोशिश की है। उन्होंने तुर्की से अपील की है कि वह पाकिस्तान के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय जांच में शामिल हो। दूसरी ओर, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें आयात पर प्रतिबंध और सिंधु जल संधि का निलंबन शामिल है। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और अधिक।
 

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव

Pakistan PM Shahbaz Sharif: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में वृद्धि हुई है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या की गई, जिससे भारत में गुस्से की लहर फैल गई। इसके परिणामस्वरूप, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम उठाए, जिससे पाकिस्तान की सरकार पर दबाव बढ़ा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।


शहबाज शरीफ की तुर्की से अपील

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में तुर्की के राजदूत डॉ. इरफान नेजिरोग्लु से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान ने "भारत की उकसावे वाली कार्रवाई" के बावजूद संयम बनाए रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पहलगाम हमले से पाकिस्तान को जोड़ने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं पेश किया है।


पाकिस्तान की डिप्लोमेटिक चुनौतियाँ

पाकिस्तान की सरकार इस हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार कर रही है, जबकि भारत ने उसे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। शहबाज शरीफ का यह बयान उनकी घबराहट को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी "विश्वसनीय और पारदर्शी" अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार है, जो उनकी कमजोर स्थिति को उजागर करता है।


भारत के कड़े कदम

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उसे आर्थिक और राजनयिक मोर्चे पर भी झटका दिया है। भारतीय सरकार ने पाकिस्तान से आयात और ट्रांजिट के माध्यम से आने वाले सभी सामानों पर तुरंत प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान के सभी डाक सेवाओं को स्थगित कर दिया है और पाकिस्तान के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।


इंडस जल संधि का निलंबन

भारत ने अपनी आंतरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और सीमाओं पर बढ़ते तनाव के बीच एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान ने इस कदम को "युद्ध जैसी कार्रवाई" करार दिया है, जिससे द्विपक्षीय रिश्तों में और खटास आ गई है।


सैन्य तैयारियों में वृद्धि

भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को बढ़ाया है और सेना को किसी भी प्रकार के हमले के लिए स्वतंत्रता दे दी है। सीमा पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।