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भारत में एयर कंडीशनर के तापमान पर नई दिशा-निर्देश: 20 डिग्री से नीचे सेट करने पर रोक

केंद्र सरकार ने एयर कंडीशनर के तापमान को मानकीकृत करने का निर्णय लिया है, जिसमें 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे और 28 डिग्री सेल्सियस से ऊपर सेट करने पर रोक लगाई गई है। यह कदम ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाया गया है। मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस नई नीति की जानकारी दी और बताया कि यह नियम अन्य देशों के मानकों के अनुरूप है। यह पहल भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस नीति के लाभ और इसके कार्यान्वयन की तैयारी के बारे में।
 

एयर कंडीशनर के तापमान पर नई नीति

एयर कंडीशनर तापमान विनियमन: भारत में AC उपयोग पर नई दिशा-निर्देश: 20 डिग्री से नीचे सेट करने पर रोक, पर्यावरण की सुरक्षा के लिए पहल: नई दिल्ली: गर्मी की लहरों और बढ़ती बिजली की खपत के बीच, केंद्र सरकार ने एयर कंडीशनर (AC) के उपयोग को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।


केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की है कि जल्द ही पूरे देश में AC के तापमान को मानकीकृत करने का नियम लागू किया जाएगा। इस नई नीति के अनुसार, AC का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम और 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं रखा जा सकेगा। यह कदम ऊर्जा संरक्षण, बिजली की बचत और पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाया गया है, जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


मोदी सरकार के 11 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खट्टर ने इस नई व्यवस्था की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह नियम ठंडक और गर्मी दोनों के लिए लागू होगा। बहुत कम तापमान पर AC चलाने से बिजली की खपत बढ़ती है, जिसका प्रभाव पर्यावरण और बिजली बिल पर पड़ता है।


इस नीति के तहत, AC का तापमान 20 डिग्री से कम और 28 डिग्री से अधिक नहीं रखा जा सकेगा। खट्टर ने बताया कि यह नियम जापान (26 डिग्री) और इटली (23 डिग्री) जैसे देशों की तर्ज पर बनाया गया है, जहां तापमान मानकीकरण पहले से लागू है। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि शायद ही कोई 20 डिग्री से कम तापमान पर AC चलाकर सोता हो।


यह पहल भारत को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार और ऊर्जा-कुशल बनाने की दिशा में एक प्रयोग है। खट्टर ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बिजली क्षेत्र में सुधार, व्यापार, और जीवन स्तर को बेहतर करना आवश्यक है। यह नियम न केवल बिजली की बचत करेगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करेगा। सरकार जल्द ही इस नीति को लागू करने की तैयारी में है, जिससे नागरिकों को बिजली बिल में कमी और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का अवसर मिलेगा।


यह नया नियम आम लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। इससे न केवल बिजली की खपत कम होगी, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की है, क्योंकि यह भारत के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा। नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे इस नियम का पालन करें और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएं।