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भारत में ट्रंप का रियल एस्टेट साम्राज्य: करोड़ों की कमाई

डोनाल्ड ट्रंप, जो अक्सर भारत की अर्थव्यवस्था की आलोचना करते हैं, ने रियल एस्टेट क्षेत्र में करोड़ों की कमाई की है। ट्रंप ऑर्गनाइजेशन, जो प्रमुख भारतीय बिल्डर्स के साथ मिलकर काम कर रही है, ने देशभर में कई प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। जानें कैसे ट्रंप का ब्रांड भारत में प्रभाव डाल रहा है और उनकी कंपनी किस प्रकार से लाभ कमा रही है।
 

ट्रंप की आलोचना और कमाई का रहस्य

डोनाल्ड ट्रंप अक्सर भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकोनॉमी' कहकर आलोचना करते हैं और चीन-रूस के साथ व्यापार के चलते भारत की नीतियों पर सवाल उठाते हैं। लेकिन इसी ट्रंप और उनका परिवार भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र के माध्यम से करोड़ों की कमाई कर रहा है।


ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की गतिविधियाँ

आपको ट्रंप की फैमिली कंपनी, ट्रंप ऑर्गनाइजेशन, के बारे में जानकारी होगी। रिपोर्टों के अनुसार, यह कंपनी भारत के प्रमुख बिल्डर्स के साथ मिलकर लग्जरी प्रॉपर्टी विकास में सक्रिय है। देशभर में इसके कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं।


प्रोजेक्ट्स के शहर

इन प्रोजेक्ट्स में मुंबई, पुणे, गुरुग्राम और हैदराबाद जैसे शहर शामिल हैं। अब तक कंपनी ने सैकड़ों करोड़ रुपये की कमाई की है। भारत अब ट्रंप ऑर्गनाइजेशन के लिए अमेरिका के बाहर का सबसे बड़ा रियल एस्टेट बाजार बन गया है।


भारत में ट्रंप का प्रभाव

2012 में भारत में कदम रखने वाली ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने पुणे, मुंबई, कोलकाता और गुरुग्राम समेत सात शहरों में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। अकेले 2024 में कंपनी को भारत से लगभग 12 मिलियन डॉलर की कमाई हुई, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा रिलायंस 4IR रियल्टी से डेवलपमेंट फीस के रूप में मिला।


कहाँ-कहाँ हैं प्रोजेक्ट्स?

ट्रंप की कंपनी वर्तमान में 11 मिलियन स्क्वायर फुट क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रही है। इसमें पुणे, गुरुग्राम, हैदराबाद, नोएडा और मुंबई शामिल हैं। Tribeca Developers भारत में ट्रंप की आधिकारिक साझेदार कंपनी है, जो इन प्रोजेक्ट्स की कुल वैल्यू 15,000 करोड़ रुपये होने का दावा करती है।


ट्रंप का निवेश मॉडल

यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप की कंपनी किसी प्रोजेक्ट में खुद पैसा नहीं लगाती। वे केवल अपना नाम देती हैं और इसके बदले में 3-5% का हिस्सा या लाइसेंस फीस लेती हैं। ट्रंप ब्रांड के जुड़ने से इन प्रॉपर्टीज की कीमतें भी काफी ऊंची रहती हैं।


साझेदार कंपनियाँ

इन प्रोजेक्ट्स में रिलायंस, लोढ़ा ग्रुप, एम3एम, पंचशील, यूनिमार्क और RDB ग्रुप जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियाँ शामिल हैं। 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने प्रबंधन से हटकर अपनी हिस्सेदारी ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी थी, लेकिन वे अब भी कंपनी के चेयरमैन हैं।