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भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन: पुतिन ने संबंधों की स्थिरता पर जोर दिया

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने संबंधों की स्थिरता और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर मोदी के ध्यान की सराहना की और कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना का उल्लेख किया। इस दौरे के दौरान, उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
 

पुतिन का भारत दौरा: महत्वपूर्ण कार्यक्रम

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा आज अपने दूसरे और अंतिम दिन पर है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करना और भविष्य की दिशा तय करना था।


साझेदारी की मजबूती पर जोर

पुतिन ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत-रूस संबंधों की गहराई और स्थिरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी केवल शब्दों पर नहीं, बल्कि ठोस आधार पर स्थापित है। उनके अनुसार, हमारे संबंध इतिहास में गहराई से जुड़े हुए हैं, और यह ठोस आधार ही महत्वपूर्ण है।


यूक्रेन संघर्ष पर प्रधानमंत्री का धन्यवाद

रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन संघर्ष पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मॉस्को शांति वार्ता के लिए अमेरिका के साथ मिलकर संभावित समाधान की तलाश कर रहा है। पुतिन ने मोदी की व्यक्तिगत रुचि की सराहना की।


भविष्य की योजनाएं

पुतिन ने कहा कि वे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विमान विकास, उच्च प्रौद्योगिकी, सैन्य-तकनीकी सहयोग और अंतरिक्ष अन्वेषण शामिल हैं। यह उनके संबंधों में विश्वास का प्रतीक है।


महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि

पुतिन ने भारत यात्रा के दौरान राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने राजघाट पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की और विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए।