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भारत-रूस संबंधों में नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते कदम

भारत और रूस के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की तैयारी शामिल है। इस दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों की संभावना है, जिसमें ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक मिसाइल का विकास भी शामिल है। अमेरिका और पश्चिमी देशों की आपत्तियों के बावजूद, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और गहरा हो रहा है। जानें इस संबंध में और क्या महत्वपूर्ण घटनाक्रम हो सकते हैं।
 

भारत और रूस की बढ़ती साझेदारी

भारत और रूस के बीच सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है। दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। इस वर्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की योजना पर चर्चा चल रही है। दोनों देशों के बीच इस दौरे की तैयारियों में तेजी आई है, जिसमें पुतिन भारत को कई महत्वपूर्ण उपहार देने और नई साझेदारियों की घोषणा करने की संभावना है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को इस साझेदारी से आपत्ति है, क्योंकि वे चाहते हैं कि भारत उनके साथ आए। पुतिन के दौरे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।


ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक मिसाइल

रूस और भारत के बीच ब्रह्मोस 2 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने का समझौता हो सकता है। यह मिसाइल इतनी तेज होगी कि इसे रोकना दुश्मनों के लिए लगभग असंभव होगा। इसके अलावा, रूस भारत को अन्य घातक हथियारों की पेशकश भी कर सकता है। भारत एसयू-57 फाइटर जेट की खरीद पर विचार कर रहा है, जिसमें पूरी उत्पादन प्रक्रिया भारत में करने की योजना है।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और रूस ने अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत किया है। भारत के राजदूत विनय कुमार ने एक रूसी मीडिया को बताया कि पाकिस्तान के खिलाफ इस ऑपरेशन में 'मेड इन इंडिया' रक्षा उपकरणों की प्रभावशीलता सिद्ध हुई है। हाल के समय में दोनों देशों के बीच संबंध और भी गहरे हुए हैं, जिसमें सैन्य उपकरणों के संयुक्त विकास और उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।