×

भारत रूस से कच्चा तेल खरीदने की योजना पर कायम रहेगा: रोमन बाबुश्किन

भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदने की योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है, भले ही अमेरिका ने इस पर भारी टैरिफ लगाया हो। रूस का कहना है कि उसके कच्चे तेल का कोई विकल्प नहीं है, और भारत को इस पर विशेष छूट मिल रही है। इस स्थिति में भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है। जानें इस व्यापार के पीछे की वजहें और इसके प्रभावों के बारे में।
 

भारत के लिए कच्चे तेल का विकल्प नहीं


भारत के पास सस्ता विकल्प नहीं है, रूस का दावा


भारत के रूस से कच्चा तेल खरीदने पर अमेरिका की नाराजगी के बीच, रूस ने कहा है कि भारत के लिए कोई अन्य सस्ता विकल्प उपलब्ध नहीं है। सीनियर रूसी डिप्लोमेट रोमन बाबुश्किन ने इस बात की पुष्टि की।


उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है, लेकिन हमें अपने संबंधों पर भरोसा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में नहीं जा सकते, तो वे रूस की ओर रुख कर सकते हैं।


भारत को रूस से तेल खरीदने पर छूट

बाबुश्किन ने बताया कि भारत को रूसी कच्चे तेल पर लगभग 5% की छूट मिल रही है। भारत समझता है कि तेल आपूर्ति में बदलाव का कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इससे उसे काफी लाभ हो रहा है। रूस ने अमेरिका के दबाव को भी गलत बताया है।


यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंध बिगड़ रहे हैं। अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के कारण 50% टैरिफ लगाया है।


अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ का निर्णय

अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जिसमें 25% रेसीप्रोकल टैरिफ और 25% पेनल्टी शामिल है। रेसीप्रोकल टैरिफ 7 अगस्त से लागू हो गया है, जबकि पेनल्टी 27 अगस्त से लागू होगी। यह कार्रवाई रूस से तेल खरीदने के कारण की गई है।


रूस से तेल का बढ़ता आयात

वित्त वर्ष 2020 में भारत केवल 1.7% तेल रूस से आयात करता था, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 35.1% हो गया है। रूस से सस्ते तेल की खरीद का लाभ भारतीय कंपनियों के मुनाफे पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। हालांकि, इसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है।


शेयर बाजार में तेजी

हाल ही में सरकार द्वारा जीएसटी सुधारों की घोषणा और क्रेडिट रेटिंग में सुधार से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। इससे शेयर बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है।


इस बीच, एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कोस्पी और शंघाई का एसएसई कंपोजिट सकारात्मक दायरे में बंद हुए, जबकि जापान का निक्केई 225 और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट के साथ बंद हुए।