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भारतीय शेयर बाजार में गिरावट, अमेरिकी शुल्कों का प्रभाव

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अतिरिक्त शुल्क हैं। इस निर्णय ने भारतीय अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में गिरावट के साथ, कुछ कंपनियों को नुकसान हुआ है जबकि अन्य में वृद्धि देखी गई है। जानें इस गिरावट के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

शेयर बाजार में गिरावट का कारण

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजारों में शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट देखी गई। यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने के निर्णय के कारण हुई, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुँच गया। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात पर उठाया गया है। अमेरिका का यह निर्णय, जो विशेष रूप से कपड़ा, समुद्री उत्पाद और चमड़ा जैसे निर्यात क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है, भारत ने "अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक" बताया है। इस कार्रवाई के साथ, भारत अब ब्राजील के साथ 50 प्रतिशत के उच्चतम अमेरिकी टैरिफ का सामना करेगा।


शुरुआती कारोबार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 335.71 अंक गिरकर 80,208.28 पर पहुँच गया। वहीं, 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 114.15 अंक की गिरावट के साथ 24,460.05 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों में अदानी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, इटरनल, टाटा स्टील और एनटीपीसी को सबसे अधिक नुकसान हुआ। हालांकि, ट्रेंट, टाइटन, सन फार्मा और आईटीसी में बढ़त देखी गई।


एशियाई बाजारों में, दक्षिण कोरिया का कोस्पी, जापान का निक्केई 225 इंडेक्स, शंघाई का एसएसई कंपोजिट इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मजबूती के साथ बंद हुए थे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने बुधवार को 4,999.10 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची।