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भारतीय सेना और एनएसयूटी के बीच सॉफ्टवेयर और एआई समाधान के लिए समझौता

भारतीय सेना ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर और एआई-आधारित समाधानों का विकास करना है। इस सहयोग के तहत, एनएसयूटी के छात्र और संकाय वास्तविक समस्या-समाधान परियोजनाओं में भाग लेंगे। इसके अलावा, भारतीय सेना आत्मघाती ड्रोन की खरीद की योजना बना रही है, जो उनकी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगा। जानें इस समझौते के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 

भारतीय सेना और नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का सहयोग

भारतीय सेना ने नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनएसयूटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य सेना के लिए सॉफ्टवेयर और एआई-आधारित समाधानों का विकास करना है। अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय के अनुसार, एनएसयूटी के छात्र और संकाय भारतीय सेना द्वारा संचालित वास्तविक समस्या-समाधान परियोजनाओं में भाग लेंगे। इसके अलावा, एनएसयूटी संकाय विकास कार्यक्रमों (एफडीपी) और विशेष रूप से भारतीय सेना के लिए तैयार किए गए कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण में भी योगदान देगा।


सैन्य के लिए आत्मघाती ड्रोन की खरीद

इस बीच, भारतीय सेना तीनों रक्षा बलों और विशेष बलों को सुसज्जित करने के लिए 850 आत्मघाती ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव का अधिग्रहण प्रक्रिया में उन्नत चरण में है। रक्षा अधिग्रहण परिषद की उच्च स्तरीय बैठक इस महीने के अंत में होने वाली है, जिसमें इसे मंजूरी मिलने की संभावना है।