भिवानी में भूमि विवाद: सड़क पर निर्माण से हुआ जाम
भूमि विवाद हरियाणा: कोर्ट ने दिया कब्जा, सड़क पर निर्माण शुरू
भिवानी में भूमि विवाद: सड़क पर निर्माण से हुआ जाम! हरियाणा के भिवानी जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। तोशाम-हिसार मार्ग पर एक व्यक्ति ने अपनी निजी भूमि पर मकान बनाना शुरू कर दिया, जिससे सड़क पर जाम लग गया।
यह भूमि सड़क के बीच स्थित थी, लेकिन जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह व्यक्ति की निजी संपत्ति थी, जिसे बिना अधिग्रहण के सड़क निर्माण में उपयोग किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद व्यक्ति को भूमि पर कब्जा (Land Possession) मिला, लेकिन लोगों की सुविधा के लिए उसने दीवार हटा दी। आइए, इस मामले की पूरी कहानी, इसके कारण, और नतीजों को समझते हैं।
सड़क पर मकान: मामला क्या है?
भिवानी के तोशाम-हिसार मार्ग पर गुरुवार को हड़कंप मच गया। तरुण जैन नामक व्यक्ति ने सड़क के बीच अपनी भूमि पर मकान बनाना शुरू किया, जिससे ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) हो गया। पुलिस की जांच में पता चला कि यह भूमि सरकारी सड़क का हिस्सा नहीं, बल्कि तरुण की निजी संपत्ति थी।
चार साल पहले पैमाइश में यह सामने आया कि उनकी 105 गज भूमि सड़क पर आ रही थी। लोक निर्माण विभाग ने बिना अधिग्रहण या मुआवजे (Land Compensation) के इस भूमि पर सड़क बना दी थी। तरुण ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
कोर्ट की लड़ाई और जीत
तरुण जैन ने न्याय के लिए तोशाम कोर्ट में याचिका दायर की। उनके वकील सत्यवान श्योराण ने बताया कि विभाग ने न तो भूमि का अधिग्रहण (Land Acquisition) किया और न ही मुआवजा दिया। चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने तरुण के पक्ष में फैसला सुनाया।
सात-आठ महीने पहले कोर्ट ने आदेश दिया कि तरुण को उनकी भूमि पर कब्जा (Land Possession) दिलाया जाए। लोक निर्माण विभाग ने इस फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन सेशन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। बुधवार को रेवेन्यू और लोक निर्माण विभाग की मौजूदगी में तरुण को भूमि का कब्जा मिला।
लोगों की सुविधा के लिए दीवार हटाई
कब्जा मिलते ही तरुण ने मकान निर्माण शुरू किया, जिससे सड़क बंद हो गई। पुलिस ने वाहनों को वैकल्पिक रास्ते से निकाला। हालांकि, तरुण ने लोगों की परेशानी को देखते हुए दीवार हटा दी। उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा से बात की, जिनके आश्वासन के बाद उन्होंने सड़क खोल दी।
तोशाम के एसडीएम डॉ. अशवीर नैन ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर कब्जा दिलाया गया था, लेकिन तरुण ने स्वेच्छा से सड़क खाली कर दी। यह मामला भूमि कब्जा हरियाणा (Land Dispute Haryana) से जुड़े मुद्दों पर सवाल उठाता है और प्रशासन की जवाबदेही को उजागर करता है।