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भूपेंद्र हुड्डा ने हरियाणा में सरकारी नौकरी भर्ती पर उठाए सवाल

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में सरकारी नौकरी भर्ती को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय युवाओं का हक छीन रही है और अन्य राज्यों के युवाओं को प्राथमिकता दे रही है। हुड्डा ने भर्ती प्रक्रिया में केवल 8 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं के चयन पर भी सवाल उठाए। इसके अलावा, उन्होंने आरक्षण नीति को खत्म करने के प्रयासों की भी आलोचना की। जानें पूरी कहानी में क्या है।
 

भूपेंद्र हुड्डा का भाजपा सरकार पर हमला


पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार हरियाणा के युवाओं का हक छीनने में लगी हुई है और अन्य राज्यों के युवाओं को नौकरी पर रखा जा रहा है। हाल ही में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती को लेकर उन्होंने गंभीर सवाल उठाए।


हुड्डा ने कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग की भर्तियों में स्थानीय युवाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अंग्रेजी सहायक प्रोफेसर की भर्ती में केवल 8 प्रतिशत हरियाणा के युवाओं को चुना गया है, जबकि बाकी चयनित उम्मीदवार अन्य राज्यों से हैं। इसे बीजेपी सरकार का हरियाणा विरोधी रवैया करार दिया।


हरियाणा के युवाओं का चयन मात्र 8 प्रतिशत

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस भर्ती में 4424 उम्मीदवारों ने आवेदन किया, जिनमें से 1950 ने अंतिम लिखित परीक्षा दी। लेकिन केवल 35 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स निर्धारित किए गए। उन्होंने बताया कि लिखित परीक्षा में केवल 151 उम्मीदवार पास हुए, जिसमें यूजीसी/नेट और जेआरफ क्वालिफाइड तथा पीएचडी धारक भी शामिल थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चयनित उम्मीदवारों में हरियाणा के मूल निवासियों का प्रतिशत मात्र 8 है।


भाजपा का आरक्षण नीति पर हमला

हुड्डा ने यह भी कहा कि भाजपा नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। इस भर्ती में बीसी-ए के लिए 60 सीटें निर्धारित की गई थीं, लेकिन केवल 6 का चयन हुआ। इसी तरह, बीसी-बी के लिए 36 सीटें थीं, लेकिन केवल 3 का चयन किया गया। ईडब्ल्यूएस के लिए भी 60 सीटें थीं, लेकिन केवल 6 लोगों का चयन हुआ।


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