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मतदाता सुविधा में नया कदम: भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू की बुक-ए-काल विद बीएलओ सेवा

भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए 'बुक-ए-काल विद बीएलओ' नामक नई ऑनलाइन सेवा शुरू की है। इस सेवा के माध्यम से मतदाता केवल एक संदेश भेजकर अपने क्षेत्र के बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, आयोग ने अपनी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1950 को भी और अधिक सुविधाजनक बनाया है। यह पहल 12 राज्यों में शुरू की गई है और घर-घर वितरण की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे मतदाता सूची की पारदर्शिता और सटीकता बढ़ाई जा सकेगी।
 

नई ऑनलाइन सेवा का शुभारंभ


भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के दौरान विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रमों के बीच एक नई ऑनलाइन सेवा की शुरुआत की है। इस सेवा का नाम 'बुक-ए-काल विद बीएलओ' रखा गया है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाताओं को मतदान से संबंधित जानकारी, शिकायतों और संदेहों का समाधान सरलता से उपलब्ध कराना है।


संदेश भेजकर संपर्क करें

इस नई सुविधा के अंतर्गत, मतदाता को केवल एक संदेश भेजना होगा। इसके बाद, संबंधित क्षेत्र का बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) स्वयं उन्हें फोन करके आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा। यह सेवा ईसीआईनेट पर उपलब्ध है, जिससे मतदाता अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से सीधे संपर्क कर सकते हैं।


टोल-फ्री हेल्पलाइन में सुधार

इसके अतिरिक्त, आयोग ने अपनी टोल-फ्री हेल्पलाइन सेवा 1950 को और अधिक उपयोगी बना दिया है। अब देशभर के मतदाता किसी भी राज्य से एसटीडी कोड के साथ 1950 डायल करके वोटर लिस्ट, पंजीकरण या अन्य चुनावी प्रक्रियाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


12 राज्यों में नई सुविधाओं की शुरुआत

चुनाव आयोग ने यह दोनों नई सुविधाएं देश के 12 राज्यों में दूसरे चरण के SIR के दौरान शुरू की हैं। आयोग का कहना है कि यह सेवा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए लाभकारी होगी जो नौकरी या रोजगार के कारण दिनभर घर पर नहीं रह पाते। ऐसे लोग ईसीआईनेट के माध्यम से बीएलओ से कॉल शेड्यूल कर सकते हैं और निर्धारित समय पर संवाद कर सकते हैं।


घर-घर वितरण की प्रक्रिया

चुनाव आयोग ने बुधवार को बताया कि देश के नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे दूसरे चरण के विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत गणना फार्मों की 100 प्रतिशत प्रिंटिंग पूरी हो चुकी है। इन फार्मों का घर-घर जाकर वितरण भी शुरू कर दिया गया है, जो 4 दिसंबर तक जारी रहेगा।


इस दौरान, बूथ लेवल अधिकारी प्रत्येक घर जाकर मतदाताओं से आवश्यक जानकारी जुटाएंगे, नए मतदाताओं के नाम जोड़ेंगे और मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया भी पूरी करेंगे। चुनाव आयोग का यह कदम मतदाता सूची की पारदर्शिता और सटीकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, जिससे हर नागरिक को मताधिकार का लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।