मनीष कश्यप ने बीजेपी से नाता तोड़ा, जन सुराज में शामिल होने के संकेत
मनीष कश्यप का राजनीतिक सफर
बिहार के प्रसिद्ध यूट्यूबर मनीष कश्यप ने जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी में शामिल होकर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम उठाया था। उनकी युवाओं में गहरी पकड़ और तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के मुद्दे पर सक्रियता ने उन्हें सुर्खियों में रखा। हालाँकि, अब उन्होंने बीजेपी से अलग होने का निर्णय लिया है।
बीजेपी से नाता तोड़ने का कारण
मनीष कश्यप ने बताया कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और उनकी बातों को संगठन में महत्व नहीं मिला। उन्होंने कहा कि वे जनता की समस्याओं को लेकर आए थे, लेकिन पार्टी में उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें केवल चुनावी रणनीति के तहत प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया।
जन सुराज में शामिल होने की संभावना
मनीष कश्यप ने प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा की सराहना की और संकेत दिया कि वे जल्द ही इससे जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर आम जनता की आवाज उठाते हैं और बिहार में वैकल्पिक राजनीति की आवश्यकता है।
बीजेपी को कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा
कश्यप ने कहा कि बीजेपी को अपने कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि कोई भी पार्टी कार्यकर्ताओं के बल पर चलती है, नेताओं के बल पर नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। महागठबंधन के बारे में उन्होंने कहा कि वहां सीटों के लिए संघर्ष चल रहा है।
क्या प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव अहंकारी हैं?
मनीष कश्यप ने सवाल उठाया कि क्या तेजस्वी यादव और नरेंद्र मोदी अहंकारी नहीं हैं? उन्होंने कहा कि सभी पार्टी के नेता आपस में मिलकर काम करते हैं, और सत्ता में रहने वाले विपक्ष के लोगों को काम देते हैं ताकि गड़बड़ी होने पर आरोप विपक्ष पर ही लगे।
चनपटिया से चुनाव लड़ने का ऐलान
मनीष कश्यप ने कहा कि उन्होंने बीजेपी में एक साल बिताकर बहुत कुछ सीखा है, लेकिन अब वे अपने रास्ते का चुनाव खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि कई ऑफर आ रहे हैं, लेकिन वे पीछे नहीं हटेंगे। कश्यप ने यह भी बताया कि वे पश्चिम चम्पारण के चनपटिया से चुनाव लड़ेंगे।