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मनीष सिसोदिया ने आईपीएस वाई. पूरन कुमार के लिए न्याय की मांग की

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया और जाति-आधारित भेदभाव की निंदा की। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह दलितों के खिलाफ अत्याचारों को बढ़ावा दे रही है। सिसोदिया ने न्याय की मांग करते हुए कहा कि यह केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता है। उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय जांच की आवश्यकता पर जोर दिया और दलित नागरिकों के लिए समानता सुनिश्चित करने की अपील की।
 

आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या पर मनीष सिसोदिया की प्रतिक्रिया

-मनीष सिसोदिया ने जाति-आधारित भेदभाव और अत्याचारों पर भाजपा की आलोचना की


चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने हाल ही में दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी, जिनकी आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया है। सिसोदिया ने उनके परिवार से मुलाकात की और जाति-आधारित अत्याचारों और सरकारी उदासीनता के कारण एक ईमानदार अधिकारी की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।


परिवार से मिलने के बाद, सिसोदिया ने कहा, “मैं अभी आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार से मिलकर आया हूँ। वे अत्यंत दुखी हैं। एक शिक्षित और सम्मानित परिवार के बेटे को केवल इसलिए आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि वह दलित था। अधिकारियों ने उनके शव के साथ जिस तरह का व्यवहार किया और पुलिस का संदिग्ध रवैया गंभीर सवाल उठाता है। यह सच्चाई को छिपाने की जानबूझकर की गई कोशिश है।”


सिसोदिया ने सिविल सेवाओं में जाति-आधारित भेदभाव की निंदा करते हुए कहा कि यह घटना गहरे पूर्वाग्रह और अन्याय को उजागर करती है, जो दलित अधिकारियों और नागरिकों को लगातार दबा रहा है।


उन्होंने कहा, “अगर एक दलित आईपीएस अधिकारी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा सकता है, तो सोचिए एक सामान्य दलित नागरिक की रोजमर्रा की जिंदगी कैसी होगी। यह शर्मनाक है कि 21वीं सदी में, जब दुनिया तकनीकी प्रगति कर रही है, भारत की सरकार हमें जातिवाद के अंधकार में धकेल रही है।”


सिसोदिया ने भाजपा सरकार पर जाति सर्वोच्चता की विषाक्त विचारधारा को बढ़ावा देने और दलितों के खिलाफ अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का आरोप लगाया।


उन्होंने कहा कि यह केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंता है। सत्ता में बैठे लोग इस विषाक्त मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।


आप नेता ने केंद्रीय एजेंसियों और राजनीतिक अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए वाई. पूरन कुमार की मौत की तत्काल और पारदर्शी जांच की मांग की।


सिसोदिया ने कहा कि यह परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है, लेकिन अगर राजनीति और जातिवाद इसी तरह हावी रहे, तो न्याय कभी नहीं मिल सकेगा।


उन्होंने कहा कि हमें एक सामूहिक जागरूकता की आवश्यकता है, जिसमें शिक्षित नागरिक और लोक सेवक एकजुट होकर कार्रवाई करें। हम इस जातिवादी मानसिकता को वाई. पूरन कुमार जैसे प्रतिभाशाली अधिकारियों के सपनों को नष्ट करने की अनुमति नहीं दे सकते।


आम आदमी पार्टी ने वाई. पूरन कुमार की मौत की उच्चस्तरीय और समयबद्ध न्यायिक जांच की मांग की है, साथ ही मामले में उत्पीड़न करने वाले अधिकारियों को निलंबित करने की भी अपील की है। पार्टी ने केंद्र और हरियाणा सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दलित अधिकारियों और नागरिकों के लिए समानता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की भी मांग की है।