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ममता बनर्जी का नया ऐलान: प्रवासी मजदूरों की वापसी और नई योजना

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 'आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान' योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य में समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने 1000 से अधिक लोगों को दिल्ली ले जाने के जिलाधिकारी के निर्णय पर नाराजगी जताई और प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए विशेष योजना बनाने का निर्देश दिया। जानें इस योजना के तहत क्या-क्या किया जाएगा और बंगाली समुदाय की समस्याओं पर ममता का क्या कहना है।
 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नया ऐलान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: ममता बनर्जी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने 'आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान' योजना के तहत एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली में प्रशिक्षण के लिए 1000 से अधिक लोगों को ले जाने के जिलाधिकारी के निर्णय पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना था कि जिलाधिकारी को पहले इस बारे में सूचित करना चाहिए था। इसके अलावा, उन्होंने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को मतदाता सूची के संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं।


'आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान' योजना

मुख्यमंत्री ने बताया कि 'आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान' योजना को नवंबर के दूसरे सप्ताह तक राज्य में पूरी तरह लागू किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में निगरानी टीमों का गठन करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारी को यह जानकारी देनी चाहिए थी कि 1000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया है।


बंगाली समुदाय की समस्याएं

सीएम ममता ने यह भी कहा कि बांग्ला भाषी लोग विभिन्न राज्यों में प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। असम सरकार कूचबिहार और अलीपुरद्वार के राजबंशी समुदाय के लोगों को नोटिस भेज रही है। गुड़गांव में 10 डिटेंशन कैंपों में बंगाल के प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। इसके अलावा, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में राजबंशी, मतुआ, दलित, तपशिली और अल्पसंख्यक समुदायों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है।


प्रवासी मजदूरों की वापसी की योजना

ममता बनर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए योजना बनाएं। उन्होंने बताया कि राज्य के 22 लाख प्रवासी मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत हैं। उन्होंने समीरुल को मुख्य सचिव के साथ बैठक कर इन मजदूरों की वापसी के लिए विशेष योजना तैयार करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि इन लोगों के पास लौटने पर रहने की जगह नहीं होगी, तो सरकार उनके लिए अस्थायी शिविर स्थापित करेगी। इसके अलावा, उन्हें राज्य की 'कर्मश्री' योजना का लाभ भी मिलेगा।