ममता बनर्जी का बयान: बंगाल का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल के योगदान पर एक नई बहस छेड़ दी है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि "अगर बंगाल न होता, तो भारत को आजादी नहीं मिलती।" इस बयान के साथ ही उन्होंने राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और 'जय हिंद' जैसे नारों की बंगाल की देन बताते हुए बंगाली अस्मिता पर जोर दिया।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान के समर्थन में तर्क दिया कि बंगाल ने रवींद्रनाथ टैगोर, काजी नजरुल इस्लाम और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी महान हस्तियों को जन्म दिया, जिन्होंने देश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि देश के कई प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी बंगाल से थे और अंडमान की सेल्यूलर जेल में भेजे गए कैदियों में लगभग 70 प्रतिशत बंगाली थे। उनके अनुसार, राष्ट्रगान 'जन गण मन', राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' और 'जय हिंद' का नारा भी बंगालियों की ही देन है।
ममता बनर्जी का यह बयान ऐसे समय आया है जब बंगाल में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं और तृणमूल कांग्रेस (TMC) बंगाली अस्मिता को लेकर अभियान चला रही है। उनके इस बयान की जहां उनके समर्थक बंगाल के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करने वाला बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे बंगाल को जरूरत से ज्यादा महत्व देने और राजनीतिक लाभ के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश करार दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद स्कूली छात्राओं से स्वतंत्रता दिवस पर संकीर्णता और विभाजनकारी विचारों को त्यागने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बंगाल विविधता में एकता का प्रतीक है और हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने नोएडा में बांग्ला बोलने वाले परिवार के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया और सवाल उठाया कि अगर वे दूसरों की भाषाओं का सम्मान कर सकते हैं, तो उनकी भाषाओं का सम्मान क्यों नहीं किया जाना चाहिए।