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मराठा आरक्षण पर भूख हड़ताल खत्म, सीएम फडणवीस ने जताई खुशी

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय के हित में समाधान खोज लिया है। जरांगे ने अपनी हड़ताल के दौरान ओबीसी का दर्जा देने की मांग की थी, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का अंत

महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण की मांग को मानने के बाद कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी पांच दिन की भूख हड़ताल समाप्त कर दी। इस कदम का स्वागत करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह निर्णय मराठा समुदाय के हित में है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मुझे खुशी है कि आज यह अनशन खत्म हुआ है। मैं हमारी कैबिनेट सब कमेटी को बधाई देना चाहता हूं जिन्होंने इस पर उत्कृष्ट कार्य किया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने हमारी मदद की। उनकी प्रमुख मांग थी कि हैदराबाद गजेटियर को लागू किया जाना चाहिए, इस पर हमारा कोई विरोध नहीं था।'


सरकार का मराठा समुदाय के प्रति समर्पण

फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा मराठा समुदाय के कल्याण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आलोचनाओं से विचलित नहीं होना चाहिए। उनका उद्देश्य मराठा समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार हमेशा मराठा और ओबीसी समुदाय के हित में कार्य करती रहेगी.


जरांगे की भूख हड़ताल का कारण

मनोज जरांगे ने 29 अगस्त को मुंबई के आजाद मैदान में मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू किया था। सरकार से आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त की। उन्होंने मराठावाड़ा के मराठा समुदाय को कुंबी समुदाय के समान ओबीसी का दर्जा देने और नौकरी तथा शिक्षा में आरक्षण की मांग की थी.


सरकार ने जरांगे की मांगों को स्वीकार किया

महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे की अधिकांश मांगों को मान लिया है और अब जल्द ही इन मांगों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसके लिए सरकार ने जरांगे को दो महीने का समय दिया है.