मल्लिकार्जुन खरगे का चुनाव आयोग पर हमला: लोकतंत्र की सुरक्षा का सवाल
मल्लिकार्जुन खरगे का चुनाव आयोग पर आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे का चुनाव आयोग पर हमला: कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को चुनाव आयोग (ECI) पर तीखा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारों पर काम कर रहा है और केंद्र की बीजेपी सरकार के साथ मिलकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को मतदान से वंचित करने की योजना बना रहा है।
नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के लीगल कॉन्क्लेव में बोलते हुए खरगे ने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर करोड़ों मतदाताओं के नाम सूची से हटा रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में 65 लाख से 1 करोड़ वोटरों को मतदाता सूची से बाहर करना कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसका उद्देश्य दलित और पिछड़े समुदायों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करना है।
सरकारी आंकड़ों का संदर्भ
खरगे ने सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि यदि 70 करोड़ वोटरों में से बिना किसी ठोस कारण के 1 करोड़ नाम हटा दिए जाते हैं, तो यह संविधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और इसे रोकना आवश्यक है। आयोग खुद ऐसी सूचियां जारी कर रहा है, जो इस साजिश को उजागर करती हैं।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में फैल रही है। जब लाखों वोटरों के नाम एक साथ सूची से हटा दिए जाते हैं और यह एक राष्ट्रीय प्रवृत्ति बन जाती है, तो इसे उजागर करना आवश्यक हो जाता है।
खरगे ने ECI और केंद्र सरकार पर संविधानिक सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस मामले की गंभीरता को सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया है, लेकिन कई सुनवाइयों के बावजूद आयोग ने अपने रवैये में कोई बदलाव नहीं किया है।
उन्होंने भाजपा-शासित राज्यों में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं को भी इस प्रवृत्ति से जोड़ा। खरगे ने कहा कि मुगल, चिकन, मंगलसूत्र जैसी बातें केवल समाज को बांटने के लिए की जाती हैं। अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं। अपने भाषण के अंत में खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री का कर्तव्य संविधान की रक्षा करना है, न कि उसे कुचलना। जनता ने उन्हें संविधान के संरक्षण के लिए चुना है, दमन के लिए नहीं।