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महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर के फल उत्पादकों के लिए ट्रेन सेवा की मांग की

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कश्मीर के फल उत्पादकों के लिए एक विशेष ट्रेन सेवा शुरू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे के बंद होने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। महबूबा ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस सेवा से फल उद्योग को आवश्यक राहत मिलेगी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हाईवे पर फंसे ट्रकों के कारण फल मंडियों में जगह नहीं बची है। उनका मानना है कि विशेष कार्गो ट्रेन की आवश्यकता है ताकि फलों को समय पर दिल्ली पहुंचाया जा सके।
 

महबूबा मुफ्ती की अपील

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कश्मीर के फल उत्पादकों के लिए एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया है कि श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे के बंद होने के कारण प्रभावित किसानों की मदद के लिए कश्मीर और दिल्ली के बीच एक विशेष ट्रेन सेवा शुरू की जाए।
श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे (NH 44), जिसे कश्मीर की जीवनरेखा माना जाता है, के बंद होने से फल उत्पादकों को गंभीर आर्थिक नुकसान हो रहा है। महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट में लिखा, "हर साल NH 44 के बंद होने से फल उत्पादकों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है। इस साल भी सड़क बंद हो गई है, जिससे सैकड़ों फल लदे वाहन फंस गए हैं, और इससे नुकसान होना तय है।"
महबूबा ने कहा कि घाटी और दिल्ली के बीच एक विशेष ट्रेन सेवा शुरू करने से फल उद्योग से जुड़े सभी लोगों को आवश्यक राहत मिलेगी। पत्रकारों से बातचीत में, उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "फल उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि हाईवे पर कई ट्रक फंसे हुए हैं और फल मंडियों और कोल्ड स्टोरेज में अब कोई जगह नहीं बची है।"
महबूबा मुफ्ती ने यह भी बताया कि पहलगाम हमले के बाद पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, और फल उद्योग ही है जिसने कठिन समय में जम्मू-कश्मीर को बनाए रखा है। उन्होंने कहा, “आज, एक विशेष कार्गो ट्रेन की आवश्यकता है ताकि फलों को जम्मू-कश्मीर से दिल्ली पहुंचाया जा सके। यह समय की मांग है क्योंकि फल उत्पादकों को ट्रेन सेवाओं का लाभ मिलना चाहिए।”