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महामना मालवीय की जयंती पर अनुराग ठाकुर का श्रद्धांजलि

अनुराग सिंह ठाकुर ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उनके योगदान को याद किया। उन्होंने 'महामना वांग्मय' के विमोचन समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने मालवीय जी के विचारों और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों की महत्ता पर प्रकाश डाला। ठाकुर ने बताया कि मालवीय जी का जीवन शिक्षा और राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित था। इस समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जो मालवीय जी के योगदान को सराहते हैं।
 

महामना मालवीय की रचनाओं का विमोचन

-स्वतंत्रता संग्राम के साथ राष्ट्र की आध्यात्मिक आत्मा को पुनर्जीवित करने में भी महामना का योगदान: अनुराग सिंह ठाकुर


नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक और स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं की 12 भागों की संपूर्ण "महामना वांग्मय" के विमोचन समारोह में भाग लिया। इस कार्यक्रम में भारत के उपराष्ट्रपति श्री सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, इंदिरा गांधी कला केंद्र के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार श्री राम बहादुर राय, महामना मालवीय मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनारायण श्रीवास्तव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, "महान स्वतंत्रता सेनानी, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के समर्थक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक, 'भारत रत्न' 'महामना' पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूँ। उनका जीवन शिक्षा, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित था। उनके विचार आज भी देश को सही दिशा प्रदान करने में सक्षम हैं। महामना का वांग्मय का लोकार्पण एक ऐतिहासिक बौद्धिक और सांस्कृतिक मिशन के पूरा होने का प्रतीक है। पंडित मदन मोहन मालवीय जी केवल एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि वे एक राष्ट्रीय चेतना और सनातन धर्म के मार्गदर्शक थे। उनका मानना था कि भारत की राजनीतिक आज़ादी सांस्कृतिक आत्मविश्वास, नैतिक शासन और आध्यात्मिक ताकत पर आधारित होनी चाहिए। उन्हें याद करना इतिहास में पीछे मुड़कर देखना नहीं है, बल्कि उन मूल्यों को फिर से मजबूत करना है जो भारत के भविष्य को दिशा देंगे।"


अनुराग सिंह ठाकुर ने आगे कहा, "साल 2023 में, माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, महामना के वांग्मय के 11 वॉल्यूम की पहली श्रृंखला जारी की गई थी। मैं उस क्षण को गर्व के साथ याद करता हूँ। उस समय, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में, मैं महामना मालवीय मिशन के साथ मजबूती से खड़ा था। पंडित मालवीय ने 'राष्ट्र प्रथम' के संकल्प को सर्वोपरि रखा और इसके लिए उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया। मोदी सरकार का सौभाग्य है कि महामना मदन मोहन मालवीय जी को 'भारत रत्न' देने का अवसर मिला। पंडित मालवीय द्वारा लिखित और बोले गए विभिन्न दस्तावेजों पर शोध और उनके संकलन का कार्य महामना मालवीय मिशन द्वारा किया गया है, जो उनके आदर्शों और मूल्यों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है।"