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महाराष्ट्र की महायुति सरकार में असंतोष की लहर, भाजपा नेताओं के बयानों से हलचल

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में असंतोष की भावना अब खुलकर सामने आ रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश महाजन ने पिछले ढाई सालों को संतोषजनक नहीं बताया, जबकि नितेश राणे ने विवादास्पद बयान देकर राजनीतिक हलचल मचा दी। शिवसेना पर अप्रत्यक्ष हमले और भाजपा के सत्ता में एकाधिकार के संकेत से सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ सकती है। क्या यह असंतोष महायुति के भविष्य को प्रभावित करेगा? जानिए पूरी कहानी में।
 

महायुति सरकार में असंतोष का उभरता संकेत

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में असंतोष की भावना अब स्पष्ट रूप से सामने आ रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और वर्तमान मंत्री गिरीश महाजन ने कहा है कि पिछले ढाई साल भाजपा के लिए संतोषजनक नहीं रहे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कार्यकर्ताओं की मेहनत और नेतृत्व की स्पष्टता से ही आगामी चुनावों में पार्टी को सफलता मिल सकती है। हाल ही में धाराशिव में आयोजित भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के विधायक और मंत्री नितेश राणे ने भी एक विवादास्पद बयान देकर राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी।


शिवसेना पर अप्रत्यक्ष टिप्पणी

जलगांव में स्थानीय स्वराज संस्था चुनावों की तैयारी के लिए आयोजित कार्यकर्ता बैठक में गिरीश महाजन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को शिवसेना पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है, जो वर्तमान में भाजपा के साथ सत्ता में साझेदार है।


नितेश राणे का विवादास्पद बयान

धाराशिव में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में विधायक और मंत्री नितेश राणे ने कहा कि भाजपा का मुख्यमंत्री सभी का बाप बनकर बैठा है, यह बात सभी को ध्यान में रखनी चाहिए। उन्होंने 2029 में भाजपा के सभी विधायकों के चुनाव जीतने की बात की। राणे ने यह भी कहा कि चाहे कहीं भी ताकत दिखा लें, लेकिन देश में मोदी और राज्य में फडणवीस हैं।


महायुति में गठबंधन की स्थिरता पर सवाल

इस बयान को भाजपा के सत्ता में एकाधिकार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे सहयोगी दलों में नाराजगी स्वाभाविक है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महायुति में भले ही सब कुछ सामान्य दिखे, लेकिन आंतरिक मतभेद और बयानबाजी भविष्य में गठबंधन की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकते हैं। खासकर जब स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव और विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।