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महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़: बीजेपी ने किया बड़ा उलटफेर

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा उलटफेर हुआ है, जब कई वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की मनसे से बीजेपी में शामिल हो गए। इस घटनाक्रम ने दोनों भाइयों के बीच संभावित गठबंधन की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है। बीजेपी की इस रणनीति ने न केवल राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है, बल्कि राज्य में आगामी चुनावों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणाम।
 

महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल

महाराष्ट्र की राजनीति: महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियाँ हमेशा से ही सक्रिय रहती हैं। हाल ही में एक बार फिर से यहां बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इस घटनाक्रम ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को चिंता में डाल दिया है। इस खेल के पीछे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ बताया जा रहा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) को उस समय बड़ा झटका लगा है, जब दोनों नेताओं के विलय की चर्चाएँ तेज हो गई थीं।


बीजेपी की रणनीति

बीजेपी ने महाराष्ट्र में खेला खेल

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को नासिक में हुई एक घटना ने दोनों पार्टियों को बड़ा झटका दिया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कई वरिष्ठ नेता अचानक बीजेपी में शामिल हो गए हैं। यह कदम तब उठाया गया जब दोनों भाइयों के बीच सुलह की संभावनाएँ बढ़ रही थीं। बीजेपी के इस कदम ने न केवल दोनों भाइयों के बीच एकता की उम्मीदों को समाप्त किया है, बल्कि राज्य की राजनीतिक स्थिति को भी प्रभावित किया है।


भाजपा में शामिल होने वाले नेता

कौन-कौन नेता भाजपा में शामिल हुए हैं?

उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व विधायक बबनराव घोलप और नासिक के पूर्व उपनेता सुधाकर बड़गुजर ने मंगलवार को औपचारिक रूप से बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की। इसके अलावा, मनसे प्रमुख राज ठाकरे के करीबी सहयोगी और नासिक के पूर्व मेयर अशोक मुर्तदक भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं। बड़गुजर का बीजेपी में शामिल होना विवादास्पद रहा है, क्योंकि स्थानीय बीजेपी विधायक सीमा हिरे ने उनके खिलाफ आपराधिक मामलों का हवाला दिया था। घोलप ने पार्टी छोड़ने का कारण शिवसेना (यूबीटी) में उनके साथ दुर्व्यवहार बताया, जबकि मुर्तदक ने नासिक के विकास के लिए बीजेपी में शामिल होने की बात कही।


गठबंधन की संभावनाएँ

गठबंधन में बाधा

जून में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बड़गुजर की मुलाकात ने विवाद खड़ा कर दिया था। इसे 'बौद्धिक विरोधी गतिविधि' मानते हुए उद्धव ठाकरे ने बड़गुजर को पार्टी से निकाल दिया था। इस बीच, उद्धव और राज ठाकरे ने मराठी अस्मिता और महाराष्ट्र के कल्याण के लिए एकजुट होने के संकेत दिए थे, लेकिन बीजेपी ने इन नेताओं को अपने पक्ष में खींचने का अवसर भुनाया। इसके साथ ही, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने नासिक के कुछ पूर्व पार्षदों को भी अपनी पार्टी में शामिल किया है।


भाजपा का प्रभाव

दोनों भाइयों को नुकसान?

हाल के हफ्तों में राज और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा हो रही थी। दोनों नेताओं ने मराठी अस्मिता और महाराष्ट्र के हितों को लेकर एकता की बात की थी, जिसे आगामी निकाय चुनावों में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ माना जा रहा था। राज ठाकरे ने हाल ही में बीएमसी जैसे महत्वपूर्ण निकायों पर कब्जा करने की रणनीति पर उद्धव के साथ चर्चा की थी, लेकिन बीजेपी ने इस स्थिति को अपने पक्ष में मोड़ दिया। केवल समय ही बताएगा कि इसका क्या प्रभाव होगा।