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महाराष्ट्र कैबिनेट बैठक में शिवसेना मंत्रियों की अनुपस्थिति से बढ़ी सियासी हलचल

महाराष्ट्र की कैबिनेट बैठक में शिवसेना के मंत्रियों की अनुपस्थिति ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। पिछले कुछ दिनों से शिवसेना और बीजेपी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी जताई, जिसका मुख्य कारण डोंबिवली में हुए प्रवेश को लेकर था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे के क्षेत्रों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस विवाद के चलते महायुति गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। जानें इस स्थिति का क्या असर होगा।
 

कैबिनेट बैठक में शिवसेना मंत्रियों की गैरहाजिरी

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में मंगलवार, 18 नवंबर को एक महत्वपूर्ण घटना घटी। आज की कैबिनेट बैठक में शिवसेना के मंत्री उपस्थित नहीं थे। पिछले कुछ दिनों से शिवसेना और बीजेपी के नेताओं के बीच तनाव चल रहा है। इस बैठक में केवल उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और संजय शिरसाठ ही शामिल हुए।


मंत्रियों की नाराजगी और मुख्यमंत्री का संदेश

हालांकि, शिवसेना के मंत्री मंत्रालय में मौजूद थे, लेकिन कैबिनेट बैठक में नहीं आए। सूत्रों के अनुसार, बैठक के बाद सभी शिवसेना मंत्रियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने का निर्णय लिया।

मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से अपनी नाराजगी व्यक्त की, जिसका मुख्य कारण डोंबिवली में हुए प्रवेश को लेकर था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी शिवसेना मंत्री नहीं, लेकिन कुछ बैठक में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उल्हासनगर में शुरुआत आप लोगों ने की थी। यदि आप ऐसा करेंगे तो ठीक है, लेकिन बीजेपी ऐसा करे तो गलत नहीं चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को एक-दूसरे के क्षेत्रों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।


भाजपा मंत्री ने नाराजगी की बातों का खंडन किया

भाजपा नेता और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इन नाराजगी की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि कई मंत्री चुनावी व्यस्तता के कारण बैठक में नहीं आ सके।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के साथ दो महत्वपूर्ण बैठकें चल रही थीं, जिनमें बुनियादी ढांचे के विकास और वन्यजीवों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना के कई मंत्री बैठक में आए थे और नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है।


महायुति गठबंधन की एकजुटता पर उठे सवाल

सूत्रों के अनुसार, शिवसेना के मंत्री स्थानीय निकाय चुनावों की राजनीति और दबाव के कारण नाराज हैं। इस अनबन के चलते महायुति गठबंधन में दरारें दिखने लगी हैं। महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं।

स्थानीय निकाय चुनावों के नजदीक आने के कारण गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं। यदि दोनों पार्टियों के बीच मतभेद बढ़ते हैं, तो महायुति के लिए समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह देखना होगा कि बीजेपी शिवसेना को कैसे मनाती है और इस विवाद का समाधान होता है या नहीं।