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महाराष्ट्र में BMC चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज

महाराष्ट्र में आगामी BMC चुनावों की घोषणा से पहले राजनीतिक दलों के बीच खींचतान बढ़ गई है। एनसीपी के तीन पूर्व विधायक भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच, पार्टी ने कृषि मंत्री को सोलापुर भेजा है। जानें इस घटनाक्रम पर विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया है और क्या यह एनसीपी के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
 

BMC चुनावों की तैयारी में हलचल


BMC चुनाव: महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा से पहले राजनीतिक दलों के बीच खींचतान बढ़ गई है। सत्ताधारी महायुति गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं के बीच पाला बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं। सोलापुर जिले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के तीन पूर्व विधायकों के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की खबरों ने एनसीपी में हलचल मचा दी है। पार्टी ने नुकसान को रोकने के लिए राज्य के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे को मंगलवार को जिले भेजा है, जहां वे स्थानीय नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक करेंगे ताकि उन्हें पार्टी के प्रति वफादार बनाए रखा जा सके।


यह विवाद तब शुरू हुआ जब एनसीपी के पूर्व विधायक राजन पाटिल, यशवंत माने और माढा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बबनराव शिंदे के पुत्र रणजीतसिंह शिंदे ने मुंबई में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से गुप्त मुलाकात की। इस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि ये तीनों भाजपा में शामिल होने वाले हैं। सोलापुर जिले में एनसीपी का मजबूत आधार है, और ये नेता स्थानीय स्तर पर पार्टी के प्रमुख चेहरे माने जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह घटना सच साबित होती है, तो यह अजित पवार गुट के लिए एक बड़ा झटका होगा, खासकर जब महायुति के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।


मंत्री भरणे का यह दौरा एनसीपी की रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है। वे जिले के प्रभावशाली नेताओं, कार्यकर्ताओं और स्थानीय विधायकों से एक-एक करके बातचीत करेंगे। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, भरणे को निर्देश दिया गया है कि वे नेताओं की नाराजगी के कारणों को समझें और उन्हें आश्वस्त करें कि उनकी मांगें पूरी की जाएंगी। सोलापुर जैसे कृषि प्रधान जिले में एनसीपी का वोट बैंक मजबूत है, लेकिन हाल के दिनों में महायुति के सहयोगी दलों के बीच टकराव ने स्थिति को जटिल बना दिया है।


विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस घटनाक्रम पर विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने तीखा प्रहार किया है। राउत ने सोमवार को कहा, "महायुति के भीतर घमासान मचा हुआ है। सोलापुर में भाजपा एनसीपी के नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह खेल उल्टा पड़ सकता है। मंत्री भरणे का दौरा इसी घाव को भरने की नाकाम कोशिश है।"