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महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा की उम्मीद

महाराष्ट्र में बीएमसी और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों की तारीखों की घोषणा आज होने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनावों की तारीखों की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। विपक्ष ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों के कारण चुनाव टालने की मांग की है। एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटिल ने संभावित चुनाव तिथियों का खुलासा किया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जनता की निगाहें अब प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं।
 

बीएमसी और स्थानीय चुनावों की घोषणा


मुंबई: महाराष्ट्र में बीएमसी और अन्य स्थानीय निकाय चुनावों की लंबे समय से प्रतीक्षित घोषणा आज की जा सकती है। राज्य निर्वाचन आयुक्त दिनेश वाघमारे मंगलवार को शाम 4 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे, जिसमें चुनावों की तारीखों की औपचारिक घोषणा की संभावना है। यह निर्णय ऐसे समय में आ रहा है जब विपक्ष ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों के कारण चुनाव टालने की मांग की है।


विपक्ष की चिंताएं

विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि 1 जुलाई की मतदाता सूची में कई त्रुटियाँ हैं, जिसमें डुप्लीकेट और फर्जी नाम शामिल हैं। शिवसेना (UBT) ने इस मामले में पुख्ता सबूत होने का दावा किया है और अदालत में याचिका दायर करने की योजना बना रही है। हालांकि, चुनाव आयोग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अदालत का हस्तक्षेप करना मुश्किल होगा।




राजनीतिक हलचल का कारण

राजनीति में क्यों मचा हलचल?


3 नवंबर को एनसीपी नेता दिलीप वालसे पाटिल ने चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा से पहले संभावित चुनाव तिथियों का खुलासा कर राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी। पाटिल ने कहा कि जिला परिषद के चुनाव 15 दिसंबर को और नगर निगम चुनाव 15 जनवरी को हो सकते हैं। उनके इस बयान ने राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया। पाटिल, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के वरिष्ठ नेता हैं, जो भाजपा के नेतृत्व वाली महायूति सरकार का हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 31 जनवरी 2026 तक सभी लंबित स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अंतिम समय सीमा दी है।


पाटिल का बयान

एनसीपी नेता पाटिल ने क्या कहा?


पाटिल ने अपने बयान में कहा, 'मेरी जानकारी के अनुसार जिला परिषद चुनाव 15 दिसंबर और नगर निगम चुनाव 15 जनवरी को हो सकते हैं। स्थानीय निकाय चुनाव की पूरी प्रक्रिया 31 जनवरी से पहले पूरी की जाएगी।' उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया। अब महाराष्ट्र की जनता की निगाहें शाम 4 बजे होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस पर टिकी हैं। यदि ऐसा होता है, तो राज्य में लंबे समय से टल रही चुनावी प्रक्रिया आखिरकार शुरू हो जाएगी और राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो जाएंगी।