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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2025: फडणवीस ने राहुल गांधी के आरोपों को किया खारिज

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'मैच फिक्सिंग' के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने इसे झूठा और जनता का अपमान बताया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल के आरोपों का विरोध किया। चुनाव आयोग ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, यह कहते हुए कि भारत में चुनाव निष्पक्ष तरीके से होते हैं। जानें इस राजनीतिक विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
 

मुख्यमंत्री फडणवीस का बयान

Maharashtra Assembly Elections 2025: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा राज्य चुनावों में 'मैच फिक्सिंग' के आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया है। फडणवीस ने कहा कि यह बयान न केवल झूठा है, बल्कि यह राज्य की जनता का अपमान भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी, जिन्हें जनता ने नकार दिया है, अब खुद जनता के निर्णय को चुनौती दे रहे हैं।


फडणवीस का लेख

फडणवीस ने अपने लेख में राहुल गांधी के आरोपों को 'हास्यास्पद' बताते हुए कहा, 'राहुल गांधी का यह दावा न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि यह चुनाव आयोग, चुनावी प्रक्रिया और जनता की समझ पर भी सवाल उठाता है।' उन्होंने यह भी कहा कि युवा मतदाताओं की संख्या में वृद्धि कोई नई बात नहीं है और यह हर चुनाव में देखा जाता है।


शिंदे और नड्डा का समर्थन

शिंदे और नड्डा भी हमलावर

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राहुल गांधी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में महायुति को व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा महाराष्ट्र से गुजरी, लेकिन जनता ने उन्हें वोट नहीं दिया।' भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी राहुल पर निशाना साधते हुए कहा, 'चुनावी हार के बाद राहुल गांधी साजिश के झूठे नैरेटिव गढ़ते हैं। उनके पास न तो तथ्य होते हैं और न ही प्रमाण।'


चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने भी दिया जवाब

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को निराधार बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। आयोग ने कहा कि 'भारत में चुनाव संविधान और कानून के अनुसार निष्पक्ष तरीके से होते हैं। आयोग पर इस प्रकार के आरोप लगाना न केवल अनुचित है, बल्कि उन हजारों कर्मचारियों का अपमान है जो ईमानदारी से चुनाव कराते हैं।' आयोग ने यह भी कहा कि हार के बाद संस्थाओं को बदनाम करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।