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मायावती ने धर्मनिरपेक्षता के संरक्षण पर केंद्र सरकार के आश्वासन का किया स्वागत

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार के उस आश्वासन का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द बना रहेगा। यह घोषणा उन चिंताओं के बीच आई है, जिनमें इस शब्द को हटाने की बात की जा रही थी। मायावती ने इसे एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया, जो देश की विविधता और सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान का प्रतीक है। इस मुद्दे पर सरकार का स्पष्ट रुख राजनीतिक हलकों में महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है।
 

धर्मनिरपेक्षता का महत्व

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए उस आश्वासन का स्वागत किया है, जिसमें कहा गया है कि संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' का शब्द बना रहेगा। यह घोषणा उन चिंताओं के बीच आई है, जिनमें इस शब्द को हटाने की बात की जा रही थी। मायावती ने इसे एक महत्वपूर्ण निर्णय बताया, क्योंकि उनका मानना है कि 'धर्मनिरपेक्षता' भारत के संविधान की आत्मा है। उन्होंने कहा कि यह शब्द देश की विविधता में एकता और सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान का प्रतीक है।

हाल के दिनों में ऐसी अटकलें थीं कि सरकार संविधान की प्रस्तावना में कुछ बदलाव कर सकती है, जिससे 'धर्मनिरपेक्षता' जैसे शब्दों को हटाया जा सकता है। इसने विपक्ष और कई नागरिक समाज संगठनों में चिंता पैदा कर दी थी। अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि संविधान की मूल संरचना में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा और 'धर्मनिरपेक्षता' शब्द अपनी जगह पर बना रहेगा। इस आश्वासन ने उन चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है जो इस मुद्दे पर उभरी थीं। मायावती का इस निर्णय का स्वागत करना यह दर्शाता है कि यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में कितना संवेदनशील और महत्वपूर्ण है। यह कदम देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।