मिशेल ओबामा का बयान: क्या अमेरिका महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार है?
पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका अभी भी किसी महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने यह टिप्पणी अपनी नई किताब के संदर्भ में की, जिसमें महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी पर चर्चा हुई। ओबामा ने समाज में पुरुषों की सोच और पिछले चुनावों में महिलाओं की असफलता का जिक्र किया। उनके बयान ने अमेरिका की राजनीतिक बहस को फिर से जीवित कर दिया है, यह सवाल उठाते हुए कि क्या अमेरिका वास्तव में महिला नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
Nov 17, 2025, 00:42 IST
मिशेल ओबामा का विचार
पूर्व अमेरिकी प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने हाल ही में एक कार्यक्रम में यह बयान देकर ध्यान खींचा कि अमेरिका अभी भी किसी महिला राष्ट्रपति के लिए तैयार नहीं है। यह टिप्पणी उन्होंने अपनी नई किताब पर चर्चा के दौरान की, जिसमें महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी का भी जिक्र हुआ। उल्लेखनीय है कि हिलेरी क्लिंटन और कमला हैरिस दोनों ही राष्ट्रपति पद की दौड़ में असफल रही हैं, जिसे ओबामा ने एक महत्वपूर्ण संकेत माना है।
समाज में पुरुषों की सोच
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “जैसा कि हमने हाल के चुनावों में देखा, यह दुखद है कि हम तैयार नहीं हैं।” ओबामा ने यह भी बताया कि समाज के एक बड़े हिस्से में ऐसे पुरुष हैं जो यह मानने को तैयार नहीं हैं कि महिलाएं नेतृत्व कर सकती हैं। अमेरिका की राजनीति में यह सवाल लंबे समय से उठता रहा है कि देश पहली महिला राष्ट्रपति कब देखेगा।
डेमोक्रेटिक पार्टी में ओबामा की भूमिका
मिशेल ओबामा को डेमोक्रेटिक पार्टी का एक प्रमुख चेहरा माना जाता है। हर चुनाव से पहले उनके राष्ट्रपति पद की दावेदारी को लेकर अटकलें लगाई जाती हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा इन अटकलों को खारिज किया है। 2016 में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था, “मैं राष्ट्रपति नहीं बनूंगी, बिल्कुल नहीं।”
2024 चुनावों में चर्चा
2024 के चुनावों के दौरान भी उनके नाम को लेकर कई कयास लगाए गए, खासकर जब जो बाइडेन के प्रति मतदाताओं का असंतोष बढ़ा। मिशेल ओबामा ने कमला हैरिस के लिए चुनाव प्रचार किया और एक रैली में डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला करते हुए महिलाओं के अधिकारों पर बढ़ते खतरे की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप को वोट देना महिलाओं की सेहत और अधिकारों के खिलाफ वोट देने जैसा है।
राजनीतिक बहस में नया मोड़
मिशेल ओबामा के इस बयान ने अमेरिका की राजनीतिक बहस को एक बार फिर से गरमा दिया है और यह सवाल उठाया है कि क्या दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र वास्तव में महिला नेतृत्व को स्वीकार करने के लिए तैयार है या नहीं।