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मुंबई पुलिस ने विधायक रोहित पवार के खिलाफ दर्ज किया मामला

मुंबई पुलिस ने विधायक रोहित पवार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। यह घटना आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में हुई, जहां पवार ने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर के साथ तीखी बहस की। पवार और एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड अपने घायल सहयोगी की जानकारी लेने पहुंचे थे। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और पवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और क्या हुआ पुलिस स्टेशन में।
 

मुंबई पुलिस की कार्रवाई

मुंबई पुलिस ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। यह घटना शुक्रवार को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में हुई, जब रोहित पवार ने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर के साथ तीखी बहस की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया, जिसमें रोहित चिल्लाते हुए कह रहे हैं, “आवाज नीचे रखो, आवाज नीचे रखो। अगर हाथ उठाया तो मैं सबक सिखाऊंगा।”


घटना का विवरण

क्या हुआ था?

रिपोर्ट के अनुसार, रोहित पवार और एनसीपी (SP) विधायक जितेंद्र आव्हाड अपने घायल पार्टी कार्यकर्ता नितिन देशमुख की जानकारी लेने आजाद मैदान पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। नितिन, जो आव्हाड के करीबी सहयोगी हैं, को महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में बीजेपी विधान परिषद सदस्य गोपीचंद पडलकर के समर्थकों द्वारा कथित तौर पर हमला किया गया था। गुरुवार को दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद, दोनों समूहों को विधान भवन में हिरासत में लिया गया और बाद में मरीन ड्राइव पुलिस को सौंप दिया गया।


पुलिस स्टेशन में हंगामा

हंगामे का कारण

नितिन देशमुख के ठिकाने की स्पष्ट जानकारी न मिलने पर रोहित पवार अपने समर्थकों के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचे, जहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वायरल वीडियो में रोहित सब-इंस्पेक्टर से उग्र होकर बात करते हुए नजर आए। बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। रोहित ने विधान भवन में पत्रकारों से कहा, “हम केवल अपने सहयोगी के बारे में पूछने आए थे। पुलिस ने मदद करने के बजाय अस्पष्ट और टालमटोल जवाब दिए।”


आव्हाड का विरोध

विरोध प्रदर्शन

जितेंद्र आव्हाड ने कथित तौर पर अपने समर्थक को पुलिस स्टेशन ले जाते समय पुलिस वाहन के सामने बैठकर विरोध किया। पुलिस के बार-बार अनुरोध के बावजूद जब वे नहीं हटे, तो उन्हें बलपूर्वक हटाया गया।