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मुंबई में 117 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी में अमित थेपड़े की गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई में 117.06 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में अमित थेपड़े को गिरफ्तार किया है। लंबे समय से फरार थेपड़े को एक फाइव-स्टार होटल से पकड़ा गया, जहां से भारी मात्रा में नकद, सोना और गहने बरामद किए गए। जांच में पता चला कि थेपड़े ने कई प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर लोन लिया था, जिनमें से कई पहले ही बेची जा चुकी थीं। ED ने इस मामले में पांच दिन की हिरासत में थेपड़े को रखा है और अन्य संदिग्धों की भी जांच कर रही है।
 

बैंक धोखाधड़ी का बड़ा मामला

मुंबई में ED की बड़ी कार्रवाई: अमित थेपड़े गिरफ्तार, 117 करोड़ रुपये का मामला! प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 117.06 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में अमित अशोक थेपड़े को गिरफ्तार किया है।


यह आरोपी लंबे समय से फरार था और ED ने उसे दक्षिण मुंबई के एक फाइव-स्टार होटल से पकड़ा, जहां वह पिछले दो महीनों से छिपा हुआ था। छापेमारी के दौरान, ED ने होटल से बड़ी मात्रा में नकद, सोना, चांदी और गहने बरामद किए। इसके साथ ही, 9.5 लाख रुपये नकद, 2.33 करोड़ रुपये के सोने और हीरे-जवाहरात, 50 से अधिक बैंक खाते और दो गाड़ियां भी जब्त की गई हैं। आइए, इस बड़े धोखाधड़ी की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।


लोन घोटाले का खुलासा


ED की यह कार्रवाई पुणे में CBI द्वारा दर्ज की गई दो FIR पर आधारित है। ये FIR अमित थेपड़े की कंपनियों- गैलेक्सी कंस्ट्रक्शन एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्रा. लि. और मित्सॉम एंटरप्राइजेज प्रा. लि. के खिलाफ थीं। जांच में पता चला कि थेपड़े ने कैनरा बैंक से लोन लेने के लिए कई प्रॉपर्टीज को गिरवी रखा था।


चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कई प्रॉपर्टीज पहले ही बेची जा चुकी थीं या एक ही प्रॉपर्टी को दो बार गिरवी रखकर करोड़ों रुपये का लोन प्राप्त किया गया। इस धन का उपयोग बाद में व्यक्तिगत खर्चों और भव्य जीवनशैली पर किया गया।


ED की हिरासत में थेपड़े


जांच में यह भी सामने आया कि अमित थेपड़े ने अवैध रूप से अर्जित धन को वैध दिखाने के लिए एक जटिल वित्तीय जाल तैयार किया। इसमें लेयरिंग और इंटीग्रेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। ED ने इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड को पांच दिन की हिरासत में लिया है और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य व्यक्तियों की भी जांच कर रही है। यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक कड़ी चेतावनी है, जो बैंकों को धोखा देने की कोशिश करते हैं।